समाज सुधारकों द्वारा ""धर्म में कठोरता"" की आलोचना के क्या आधार थे?
Answers
Answered by
2
Answer:to see the .... ground, his clothes ragged, his shoulders bent, his face dull and weary, a broken ..... son among social reformers to loosen the rigor of the family bond.
Explanation:
Answered by
1
Answer:
आलोचनाओं को उचित बताना-
- ज्योतिराव फुले ने ब्राह्मणों की इस बात को गलत ठहराया कि आर्य होने के कारण वे अन्य लोगों से
- श्रेष्ठ हैं। फुले का तर्क था कि आर्य उपमहाद्वीप के बाहर से आए थे उन्होंने यहाँ के मूल निवासियों को हरा कर गुलाम बना लिया तथा पराजित जनता को निम्न जाति वाला मानने लगे।
- पेरियार ने हिंदू वेद पुराणों की आलोचना की उनका मानना था कि ब्राह्मणों ने निचली जातियों पर अपनी सत्ता तथा महिलाओं पर पुरुषों का प्रभुत्व स्थापित करने के लिए इन पुस्तकों का सहारा लिया है।
- हरिदास ठाकुर ने भी जाति व्यवस्था सही ठहराने वाले ब्राह्मणवादी ग्रंथों पर सवाल उठाया।
- अम्बेडकर ने भी मंदिर प्रवेश आंदोलन’ के द्वारा समकालीन समाज में उच्च’ जातीय संरचना पर सवाल उठाए। वह इस आंदोलन के द्वारा पूरे देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड़ कितनी मजबूत है।
Similar questions
English,
5 months ago
Math,
5 months ago
Hindi,
11 months ago
Social Sciences,
11 months ago
Biology,
1 year ago
Hindi,
1 year ago
Social Sciences,
1 year ago