‘सम खा’ से कवयित्री का क्या आशय है?
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उत्तर : 'सम खा' अर्थात् सुख-दुख एवं सांसारिक भोगों का उपभोग भेदभाव से दूर रहकर के प्राणिमात्र से प्रेम करता हो। 5. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।। के उत्तर लिखिए- जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।।
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ङ) स्वयं को कौन जान सकता है? उत्तर : 'सम खा' अर्थात् सुख-दुख एवं सांसारिक भोगों का उपभोग भेदभाव से दूर रहकर के प्राणिमात्र से प्रेम करता हो। 5. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।।
ङ) स्वयं को कौन जान सकता है? उत्तर : 'सम खा' अर्थात् सुख-दुख एवं सांसारिक भोगों का उपभोग भेदभाव से दूर रहकर के प्राणिमात्र से प्रेम करता हो। 5. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।।Explanation:
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