सम्पन्न करा सकें।
में स्वर्गीय मिश्र जी ने विवाह संस्कार तथा
सकी सर्वत्र सराहना हुई।
जी प्रतापगढ़ जिले के जेठवारा थाना के अन्तर्गत
सरयूपारीश वंशावली भी प्रकाशित की थी, जो
बचपन में ही अपने नाना की गद्दी पर प्रयाग आ
प्रतिष्ठा के साथ व्यतीत की, पुरोहिती और आयु
सम्मान का जीवन जिया है। १९७५ में प्रयाग विद्वत
का अंगवस्त्रम् तथा प्रशस्ति-पत्र देकर उनका र
र कृतित्व का परिचय प्रदान करता है।
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