सम्वाद लि खो -भारतीय कि सान और उनकी समस्याएं |
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तरुण संवाद के लिए आज जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल गाजियाबाद के बच्चे अमर उजाला के दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हाल ही में हुए किसान आंदोलन और देश के अन्य किसानों की स्थिति पर चर्चा की। बच्चों ने अमर उजाला डॉट कॉम के संपादक जयदीप कार्णिक से किसानों की समस्याएं और उनके सामाधान के बारे में भी बात की।
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इस दौरान छात्रा अंशिका ने बताया की आज जो भी किसानों की दुर्दशा है इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार ने किसानों से जो भी वादे किए थे उन्हें पूरा अभी तक पूरा नहीं किया गया है। संपादक जयदीप कार्णिक द्वारा पूछे गए एक सवाल पर अंशिका ने कहा कि किसान कम पढ़े लिखे होते हैं इसलिए वह बैंकों से लोन लेने की बजाय साहूकारों से लोन लेते हैं। और जब वह लोन नहीं चुका पाते तो आत्महत्या कर लेते हैं।
इसके जवाब में छात्र अनुराग ने कहा कि सरकार ने किसानों के हक में हजारों योजनाएं निकाली हैं। इसलिए गलती किसानों की हैं क्योंकि वह उन योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। किसान लोन के लिए साहूकारों के पास चले जाते हैं, जबकि उन्हें साहूकारों के पास नहीं जाकर बैंक में जाना चाहिए।
संपादक जयदीप कार्णिक ने किसानों की आत्महत्या से जुड़े कुछ आंकड़े बताते हुए कहा कि तीन साल में 36 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 2015 में 3097 और 2014 में 1163 लोगों ने आत्महत्या की है। यह एक बड़ा आंकड़ा है। यह पूरे देश में हुईं आत्महत्या का 9 से 10 फीसदी है। इस पर अनुराग ने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा लगातार राहत दी जा रही है। लेकिन वह राहत लेने की बजाय आत्महत्या कर रहे हैं।
जयदीप कार्णिक ने कहा कि किसानों को राहत लेने के लिए कई मंत्रालों में जाना पड़ता है जबकि होना यह चाहिए कि उनके सभी काम एक मंत्रालय यानी सिंगल विंडो से होना चाहिए। किसान ऐसी मांग भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों का हजारों करोड़ का लोन माफ कर देती है साथ ही विदेश भी जाने देती है लेकिन जब किसान कर्ज माफी की बात करता है तो उसे मना कर दिया जाता है। जबकि किसन तो हमारे अन्नदाता हैं।
अनुराग ने कहा कि जब योगी सरकार बनी थी तो सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ किया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें यह भी देखना चाहिए कि उद्योगपतियों को लोन लेने में ब्याज बहुत ज्यादा चुकाना पड़ता है जबकि किसानों को कम ब्याज पर लोन मिलता है। इस दौरान बच्चों ने किसानों से जुड़े सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी। तरुण संवाद के दौरान किसी ने किसानों का समर्थन किया तो किसी ने सरकार का पक्ष लिया। बता दें कि इस बारे में इन बच्चों से इसलिए बात की गई क्योंकि यह देश का भविष्य है इसलिए इनकी राय जानना भी जरूरी है।
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