समविभव सतह किस कहते है??
Answers
समविभव पृष्ठ उस पृष्ठ को कहते हैं जिसके प्रत्येक बिन्दु पर विभव समान हो। किसी एकल आवेश q के लिए विभव नीचे दी हुई समीकरण के द्वारा बताया गया है-
V = kq/r ( जहां k = 1/(4(pi)e0) है )इससे यह प्रकट होता है कि यदि r नियत है तो V नियत रहता है। इस प्रकार किसी भी एकल आवेश के लिए समविभव पृष्ठ संकेंद्रित गोले होते हैं जिनके केंद्र पर वह आवेश स्थित होता है।
इससे यह प्रकट होता है कि यदि r नियत है तो V नियत रहता है। इस प्रकार किसी भी एकल आवेश के लिए समविभव पृष्ठ संकेंद्रित गोले होते हैं जिनके केंद्र पर वह आवेश स्थित होता है।
अब किसी एकल आवेश q के लिए विद्युत क्षेत्र रेखाएं आवेश से आरंभ होने वाली अथवा उस आवेश पर समाप्त होने वाली ( यह निर्भर करता है कि आवेश q धनात्मक है अथवा ऋणात्मक ) अरीय रेखाएं होती हैं। स्पष्ट है, किसी समविभव पृष्ठ के किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र सदैव ही उसके बिंदु पर अभी लंबवत होता है। यह व्यापक रूप से सत्य है : किसी भी आवेश विन्यास के लिए किसी भी बिंदु से गुजरने वाला समविभव पृष्ठ उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के अभी लंबवत होता है। इस प्रकथन की व्युत्पत्ति सरल है।
स्पष्टीकरण:
कोई भी सतह जिस पर क्षमता स्थिर होती है, समविभव सतह कहलाती है।
दूसरे शब्दों में, समविभव सतह पर किसी भी दो बिंदुओं के बीच संभावित अंतर शून्य है।
समविभव सतहों के कुछ महत्वपूर्ण गुण:
- एक समीर सतह पर आवेश को स्थानांतरित करने में किया गया कार्य शून्य है।
- विद्युत क्षेत्र सदैव सतह पर लंबवत होता है।
- समविभव सतहों के बीच का अंतर हमें मजबूत और कमजोर क्षेत्रों के क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाता है।
- दो समविभव सतहें कभी भी प्रतिच्छेद नहीं कर सकती हैं। यदि दो समविभव सतहों को प्रतिच्छेद किया जा सकता है, तो चौराहे के बिंदु पर विद्युत क्षमता के दो मूल्य होंगे जो संभव नहीं है।