Hindi, asked by nabarun4193, 8 months ago

समय का अच्छा उपयोग एक निबंध लिखें

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Answered by Abhishek15012008
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प्रस्तावना:- संसार में समय को सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान धन माना गया है। अतः हमें इस मूल्यवान धन अर्थात समय को व्यर्थ ही नष्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि बिता हुआ समय वापस नहीं लौट पाता। इसके विषय में एक कहावत प्रशिद्ध है “गया वक्त फिर हाथ आता नहीं, समय किसी की प्रतीक्षा नही करता।” समय का महत्व इस बात से भी स्पष्ट है कि यदि धन खो जाए तो पुनः कमाया जा सकता है। यदि स्वास्थ्य खो जाए तो उसको भी प्राप्त कर सकते है। परन्तु समय एक बार हाथ से निकल जाए तो पुनः लौट कर नही आ सकता। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करते है। वो ही जीवन मे सफल होता है।

प्रस्तावना:- संसार में समय को सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान धन माना गया है। अतः हमें इस मूल्यवान धन अर्थात समय को व्यर्थ ही नष्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि बिता हुआ समय वापस नहीं लौट पाता। इसके विषय में एक कहावत प्रशिद्ध है “गया वक्त फिर हाथ आता नहीं, समय किसी की प्रतीक्षा नही करता।” समय का महत्व इस बात से भी स्पष्ट है कि यदि धन खो जाए तो पुनः कमाया जा सकता है। यदि स्वास्थ्य खो जाए तो उसको भी प्राप्त कर सकते है। परन्तु समय एक बार हाथ से निकल जाए तो पुनः लौट कर नही आ सकता। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करते है। वो ही जीवन मे सफल होता है।प्रत्येक क्षण सीमित है:– हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण सीमित है। हम कई कार्यो को सीमित समय पे करने की जगह समय की कीमत जाने बगेर उसे टालते जाते है और फिर पछताते है कि काश हमने ये काम उस वक्त कर दिया होता। एक कहावत भी है। “अब पछताय होत क्या जब चिड़िया चूक गयी खेत” इसलिए प्रत्येक कार्य हमे सही समय पर कर लेना चाहिए। वेसे भी भगवान ने हमे जितना समय दिया है। उसे ज्यादा किसी के पास एक क्षण भी नही होता है। इसलिय हमे हमारे जीवन का प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए। समय का सदुपयोग करके निर्धन धनवान, निर्बल सबल, मूर्ख विद्धवान बन जाता है।

समय के सदुपयोग की विधि:– समय के सदुपयोग की सबसे अच्छी विधि है। प्रत्येक कार्य को को करने के लिए उसके अनुकूल समय तय करना तथा समय के अनुकूल कार्य को निर्धारित करना। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आलसी मनुष्य कभी समय का सदुपयोग नही कर सकता। आलस्य उसकी उन्नति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बन जाता है। आलस्य के कारण वह समय के महत्व को नही समझ पाता और समय के सदुपयोग और समय के अनुकूल चलने में असमर्थ रहता है। इसलिए आलस्य को त्याग कर समय की महत्ता पर ध्यान जरुरी है। तब ही आलस्य व्यक्ति समय के साथ चल पायेगा।

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