समय का सदुपयोग पर अनुछेद(50-80 words)
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समय एक ऐसी चीज है जिसे एक बार चले जाने के बाद वापस नहीं लाया जा सकता है। यह बस अपरिवर्तनीय है। यही कारण है कि हमें इसे समझदारी से खर्च करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह बर्बाद न हो। हालाँकि, भले ही हम सभी जानते हैं कि एक बार चला गया समय कभी भी वापस नहीं लाया जा सकता है लेकिन हम में से अधिकांश इसे बिना किसी अवरोध के बर्बाद कर देते हैं। जिस समय हमें किसी महत्वपूर्ण चीज पर काम करना चाहिए उस समय हम अक्सर बेकार कार्यों में लिप्त रहते हैं। जब तक बहुत देर न हो जाए हम अपने कीमती समय को बिना सोचे समझे मिटा देते हैं।
कई लोगों को अंतिम समय में अपने कार्य करने की आदत होती है। जब बहुत कम या लगभग कोई समय नहीं बचा है तो काम जल्दबाजी में किया जाता है और जल्दबाजी में किया गया कुछ भी उचित रूप से पूरा नहीं किया जा सकता है।
हमें समय के महत्व को पहचानना चाहिए और इसे कुशलता से प्रबंधित करना चाहिए। एक व्यक्ति जो समय प्रबंधन की कला सीखता है वह अपने जीवन में लगभग किसी भी कार्य को पूरा कर सकता है। हालाँकि, यह कहा से आसान है। समय को कुशलता से प्रबंधित करने के लिए बहुत दृढ़ विश्वास है। समय प्रबंधन उन अच्छी आदतों में से एक होना चाहिए जो बच्चों को शुरू से ही सिखाई जानी चाहिए। एक बच्चा जो समय के मूल्य को समझता है वह अधिक अनुशासित है। वह बड़ा होकर एक जिम्मेदार और सफल व्यक्ति बनता है।
Answer:
समय का महत्त्व
"काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ।"
मानव जीवन में समय का अत्यधिक महत्त्व है । समय को सही पहचानना ही समय का सदुपयोग है । समय निरन्तर गतिशील है । समय के साथ चलना प्रगति और रुकने का अभिप्राय मृत्यु हैं । मेसन ने कहा है- ”जिस प्रकार स्वर्ग का प्रत्येक अंश मूल्यवान होता है उसी प्रकार समय का प्रत्येक भाग बहुमूल्य होता है ।”
समय रथ-चक्र की भांति निरन्तर भागता रहता है । वह किसी के रोके नहीं रुकता । वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता । जैसे मुंह से निकली बात वापिस नहीं ली जा सकती, टूटे फूल को डाली से नहीं जोड़ा जा सकता, खेती के सूख जाने पर वर्षा का कोई लाभ नहीं होता, उसी प्रकार समय के निकल जाने पर किसी कार्य का कोई लाभ नहीं होता ।
जो समय को पहचानता है, समय उसे पहचान देता है । समय का सही सदुपयोग कर श्रीकृष्ण ने महाभारत में पाण्डवों को विजय- श्री दिलाई, श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने देश का सफलता पूर्वक संचालन किया, जगदीश चन्द्र बसु, थामस एडीसन, चन्द्रशेखर वेंकट रमन आदि ने महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज करके विश्व प्रसिद्धि प्राप्त की ।
समय के महत्त्व को न समझने अथवा समय के चूक जाने पर भयंकर परिणाम सामने आते हैं । जैसे-नेपोलियन की हार । समय पर सचेत न होने के कारण भारत को 200 वर्षों तक की अंग्रेजी गुलामी सहनी पड़ी । शेक्सपीयर ने भी कहा है- ”मैंने समय को बरबाद कर दिया और अब समय मुझे बरबाद कर रहा है ।”
जीवन में प्रत्येक क्षण समय का महत्त्व है, लेकिन विद्यार्थी जीवन में इसका विशेष महत्त्व है । जो छात्र पड़ने के समय खेल-कूद और मौज-मस्ती करते हैं, वे फेल हो जाते हैं या कम अंकों से पास होते हैं । भविष्य में कुछ बनने की आशाएं धूमिल हो जाती हैं । वह छात्र जो प्रतिदिन पढ़ता है, अच्छे अंक प्राप्त कर निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर होता है, ऐसा छात्र ही नेता, दार्शनिक, वैज्ञानिक, इंजिनियर, डॉक्टर इत्यादि बनकर राष्ट्र की प्रगति में सहयोग देता हैं ।
समय की उपेक्षा कर व्यक्ति अकर्मण्य बनता है । जो व्यक्ति समय के साथ चलता है, लक्ष्मी उसके कदम चूमती है । उसे जीवन भर धन की हानि नहीं होती । इसके विपरीत जो व्यक्ति आलसी होते हैं समय पर कार्य नहीं करते वे दरिद्र और निर्धन रह जाते हैं ।
प्रगतिशील राष्ट्र की उन्नति का मूल कारण समय का सदुपयोग करना ही है । व्यक्ति समय का सदुपयोग कर हर वस्तु को अपने अनुरूप कर लेता है । जैसे गरम लोहे को लुहार मनचाहा आकर देकर उसे अपने अनुरूप ढाल लेता है । एक-एक क्षण का जो व्यक्ति सही उपयोग करता है । उसके लिए संसार की दुर्लभ वस्तुएं भी सुलभ हो जाती है ।
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