Hindi, asked by maanisha6524, 1 month ago

Sambhasan kushalta ka saar likhiye

Answers

Answered by khushimehta819
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Explanation:

1.2 प्रस्तावना

अपने मनोभावों को प्रकट करने तथा विचारों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए हमें भाषा का उपयोग करना पड़ता है। परस्पर वार्तालाप द्वारा ही हमारे जीवन के विभिन्न कार्य हो पाते हैं। वार्तालाप में कम-से-कम दो व्यक्ति सम्मिलित होते हैं – (i) बोलेनेवाला अर्थात वक्ता तथा (ii) सुननेवाला अर्थात श्रोता। कुशल वक्ता के लिए संभाषण कला में निपुण होना आवश्यक है। कुछ व्यक्तियों में यह कला जन्मजात होता है तो कुछ लोग अभ्यास के माध्यम से इसे अर्जित करने का प्रयास करते हैं। विचारों के संप्रेषण और अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा है परंतु सामाजिक संबंधों की जटिलता के कारण संप्रेषण क्षमता को अधिक महत्व दिया जाता है। आमने-सामने की बातचीत में संप्रेषण केवल भाषा से ही नहीं होता, कभी इशारों से तो कभी चेष्टाओं से बात को समझाना पड़ता है। हर स्तर पर एक ही तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता। संभाषण के विविध रूपों में भाषा वैविध्य को देखा जा सकता है। इस इकाई में संभाषण के अर्थ तथा उसके विविध रूपों पर विचार किया जा रहा है।

1.3 पाठ परिचय

मनुष्य अपनी इच्छाओं और भावनाओं को व्यक्त करना चाहता है। संभाषण के द्वारा उसके व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार संचालित होते रहते हैं। कभी वह दूसरों को सलाह देने के लिए तो कभी अपने कार्य की सिद्धि के लिए अथवा कभी अपने मन की बातों को अभिव्यक्त करने के लिए संभाषण का प्रयोग करता है। यह भी कहा जा सकता है कि संभाषण के माध्यम से व्यक्ति का समाजीकरण होता है। अर्थात व्यक्ति से समष्टि की ओर मनुष्य संभाषण के द्वारा अग्रसर होता है।

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