samiti se aap kya smajhte hai?kisi bhi khel tournament ko ache se krane k liye samiti ki aavyashkta kyu pdti h?
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Explanation:
संसदीय समितियां
1.आधुनिक युग में संसद को न केवल विभिन्न और जटिल प्रकार का, बल्कि मात्रा में भी अत्यधिक कार्य करना पड़ता है। संसद के पास इस कार्य को निपटाने के लिए सीमित समय होता है। इसलिए संसद उन सभी विधायी तथा अन्य मामलों पर, जो उसके समक्ष आते हैं, गहराई के साथ विचार नहीं कर सकती। अत: संसद का बहुत सा काम सभा की समितियों द्वारा निपटाया जाता है, जिन्हें संसदीय समितियां कहते हैं। संसदीय समिति से तात्पर्य उस समिति से है, जो सभा द्वारा नियुक्त या निर्वाचित की जाती है अथवा अध्यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित की जाती है और अध्यक्ष के निदेशानुसार कार्य करती है तथा अपना प्रतिवेदन सभा को या अध्यक्ष को प्रस्तुत करती है और समिति का सचिवालय लोक सभा सचिवालय द्वारा उपलब्घ कराया जाता है।
2.अपनी प्रकृति के अनुसार संसदीय समितियां दो प्रकार की होती हैं: स्थायी समितियां और तदर्थ समितियां। स्थायी समितियां स्थायी एवं नियमित समितियां हैं जिनका गठन समय-समय पर संसद के अधिनियम के उपबंधों अथवा लोक सभा के प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियम के अनुसरण में किया जाता है। इन समितियों का कार्य अनवरत प्रकृति का होता है। वित्तीय समितियां, विभागों से संबद्ध स्थायी समितियां (डीआरएससी) तथा कुछ अन्य समितियां स्थायी समितियों की श्रेणी के अंतर्गत आती हैं। तदर्थ समितियां किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए नियुक्त की जाती हैं और जब वे अपना काम समाप्त कर लेती हैं तथा अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर देती हैं, तब उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। प्रमुख तदर्थ समितियां विधेयकों संबंधी प्रवर तथा संयुक्त समितियां हैं। रेल अभिसमय समिति, संसद भवन परिसर में खाद्य प्रबंधन संबंधी संयुक्त समिति इत्यादि भी तदर्थ समितियों की श्रेणी में आती हैं।
3. मोटे तौर पर संसदीय समितियों के निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है:
(क) वित्तीय समितियां,
(ख) विभागों से संबद्ध स्थायी समितियां,
(ग) अन्य संसदीय स्थायी समितियां, तथा
(घ) तदर्थ समितियां।
4. संसदीय समितियों की सदस्यता तथा इनके कार्यकाल नीचे दर्शाए गए हैं: