History, asked by pradeepking11, 4 months ago

Samrat August ki Pramukh uplabdhiyan ka varnan Karen 11 history

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Answered by arunsharmakknews
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ऑगस्टस (23 सितंबर से 63 ईसा पूर्व - 19 अगस्त 14 ईस्वी) रोमन प्रिन्सिपेट के संस्थापक थे और, ईसा पूर्व से 14 ईसवी में अपनी मृत्यु तक रोमन साम्राज्य को नियंत्रित करने पहले रोमन सम्राट माने जाते है उन्होंने ने रोमन अर्थशास्त्र की रचना की और रोम को अपने समय का सबसे बड़ा साम्राज्य बनाया हालाँकि बाद में रोम के जितने भी सम्राट हुए उन्होंने ने रोम के पतन का मार्ग ही प्रशस्त किया।ऑगस्टस की प्रतिमा, पहली शताब्दी

ऑगस्टस के जन्म का नाम गाइस ओक्टावियन था, और वे एक पुराने और अमीर खानदान से थे। जब उनके मामा जूलियस सीजर की 44 ईसा पूर्व में हत्या कर दी गई, तब सीजर की इच्छापत्र में ओक्टावियन को अपने दत्तक पुत्र और उत्तराधिकारी,के रूप में नामित कर गए थे। इन्होंने, मार्क एंटनी और मार्कस लेपिडस के साथ, सीज़र के हत्यारों को हराने के लिए, दूसरा त्रिशक्ति का गठन किया। फिलिप्पी की लड़ाई में अपनी जीत के बाद, त्रिशक्तियों ने रोमन गणराज्य को आपस में बाट लिया और सैन्य शाहों के रूप में शासन करने लगे। त्रिशक्ति सदस्यों की महत्वाकांक्षा की होड़ ने अंत में गठन को तबाह कर दिया। लेपिडस से उसके अधिकार छीन लिए गए और उसे निर्वासन में भेज दिया गया, वही एंटनी ने 31 ईसा पूर्व में एस्टीम की लड़ाई में ओक्टा वियन से हार के बाद आत्महत्या कर ली।

दूसरा त्रिशक्ति के विघटन के बाद, ऑगस्टस मुक्त गणराज्य बहाल कर दी, जिसमे रोमन सीनेट, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और विधान सभाओं को सरकारी शक्ति प्रदान की गई। वास्तविकता में, उसने गणराज्य पर अपनी अंकुश सत्ता एक सैन्य शाह के रूप में बरकरार रखी। उन्होंने रोम का विस्तार किया और भारत में सम्राट अशोक महान से युद्ध किया लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला । उसके कुछ वर्षों बाद वे फिर भारत आए और इस बार उनका युद्ध विक्रमादित्य से हुआ और इस बार भी कोई परिणाम नहीं निकला। उनके युग को स्वर्ण युग भी कहा जाता है जब वे राजा थे तो उन्होने बहुत ही मात्रा में रोम का विस्तार किया लोग ने पसंद करते थे उन्होंने जो वहां के सांसद थे उसे हटाकर धीरे धीरे उसने अपने सदस्य डालें ताकि अगर वह कोई भी कानून बनाए तो वह जल्दी से‌ पास होकर लागू हो जाए

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Answered by latabara97
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कान्स्टण्टैन १ एक रोमन सम्राट था। वह कान्स्टण्टैन थी ग्रेट या सेन्ट कोन्स्टण्टैन आदि नाम से भी जाने जाते हैं। उनका शासन ३०६ इ से ३३७ इ तक था। रोमन सेना अधिकारी फ्लवियस कोन्स्टण्टाइनस और उनकी पत्नी हेलना कान्स्टण्टैन १ के माता-पिता थे। सीसर उनका पिता बना। कोन्स्टण्टैन को ईस्ट भेजा गया और वहाँ वह सैन्य के उच्च पद को सम्भालने लगा था। ३०५ में कोन्स्टण्टैन पश्चिम के वरिष्ट सम्राट बना। ३०६ ई में अपने पिता की मृत्य के बाद कोन्स्टण्टैन एबोरकम के सम्राट बना। सम्राट के रूप में कान्स्टण्टैन ने साम्राज्य को मज़बूत करने के लिए कई प्रशासनिक, वित्तीय और सामाजिक कार्य किए। वह कई युद्धों में विजयी हुईं। शासन का पुनर्गठन किया गया। नया सोने का सिक्का पेश किया गया था। उन्होने ने कबीले के खिलाफ रोमन सीमाओं पर सफल अभियान चलाया। रोमन साम्राज्य के इतिहास में एक अलग युग का उल्लेखन किया गया था। उन्होने एक नया शाही निवास का निर्माण किया। कान्स्टन्टैन को ऐतिहासिक रूप में "प्रथम ईसाई सम्राट" कहा जाता है।

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