Hindi, asked by anweshasingh6085, 1 year ago

Samudra tat ki sair paragraph writing in hindi

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Answered by chinmayajha
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गर्मियों के दिन थे। एक सुहावनी शाम को मेरा जलपोत बम्बई से निकलकर गुजरात राज्य के पश्चिमी तट पर स्थित ओखा बंदरगाह की ओर चल पड़ा। बम्बई से ओखा ठीक उत्तर दिशा में पाकिस्तानी जल सीमा के निकट है। यहाँ का मौसम खुश्क है यहाँ अक्सर पश्चिम दिशा से तेज हवायें चलती रहती हैं। जहाज में चालक दल सहित तीस व्यक्ति सवार थे। 

संध्या का सूरज दिन भर की यात्रा के बाद ठंडा होकर धीरे-धीरे सागर की विशाल गोद में समाया जा रहा था यह प्राकृतिक दृश्य बडा ही मनोहारी था। हमारे साथी इस दृश्य को देखने के लिए विशेष रूप से जहाज के ऊपर डैक अर्थात् ऊपरी तल पर एकत्र थे। तभी सीगल (सफेद रंग की समुद्री चिड़िया) का एक झुंड जहाज के ऊपर मडराया। पहले से तैयार खड़े मेरे साथियों ने डबल रोटी तथा बिस्कुट के टुकड़े समुद्र में फेंके तो इन पक्षियों ने गजब की फुर्ती दिखाते हुए बड़ी चतुराई से खाद्य पदार्थ को चोचों में पकड़ लिया। सबने खुश होकर तालियां बजाईं। तभी खाने की घंटी बजी, सब भोजन करने चले गये।

जब खा-पीकर हम लोग पुनः ऊपर आये, रात घिर आई थी। चारों ओर गहरे समुद्र के जल पर पसरा अंधेरा सायं-सायं कर रहा था। दिशा ज्ञान भी नहीं हो रहा। इस बारे में चर्चा के दौरान मेरे एक साथी ने ध्रुव तारा की परिक्रमा करने वाले सप्तऋषि तारामण्डल की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘साथियों उस तरफ है उत्तर दिशा।’’ ज्ञात रहे धु्व्र तारा सदैव उत्तर दिशा में अटल रहता है। समुद्र में इमारत या पेड़ आदि का चिन्ह न होने से उत्तर दिशा में स्थित ध्रुव तारा ही रात के समय दिशाओं का ज्ञान करवाता है। खुले समुद्र में जहाज का संचालन कुतुबनुमा नामक यंत्र के सहारे किया जाता है। चुम्बकीय कुतुबनुमा की सुई हर हालत में उत्तर दिशा की ओर ही रहती है।
Answered by shweta6263
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