samvad in Hindi vyakti ke Vikas Mein Samaj ki Bhumika
Answers
Answered by
6
नमस्कार ।
आपका सवाल का स्वागत है।
_________________________________________★जैसा की हम जानते है।व्यक्ति और समाज दोनों एक दूसरे के पूरक है।जिस परकार एक सिक्के के दो पहलु होते है।उसी प्रकार समाज रूपी सिक्के में व्यक्ति एक पहलु है।
■समाज के directly proportional व्यक्ति भी होता है। आप अपने समाज में देखे होंगे जैसा समाज होता है उसी प्रकार की वह की विकाश एवं वृद्धि की कल्पना की जाती है ।जब नागरिक टिक होंगे तो समाज भी ठीक होगा ।और विकास की राह पर अग्रसर होगा ।खराब लोग रहेंगे तो समाज भी ख़राब होगा।और जो अछे विचार के भी होंगे ,उनका भी विनाश होगा ।गलत समाज जे कारण।क्योकि आप एक कहावत पड़े।होंगे एक टोकरी की आम सड़ जाए तो उसे हटा देना चाहिये नहीं तो सभी आमो को भी सदा देगा।उसी प्रकार से समाज रूपी टोकरी में भी होता है।
★आप गौर करना जहा का समाज आदर्श होता है ।वहै के लोग उतना ही विकाश करता है।और जहा का समाज गलत होता है वह उतना वहां के लोग गर्त में जाता है।
★समाज का अच्छा होना और बुरा होना हम व्यक्तियों पर निर्भर की कैसा समाज को बनाये ।कौसे समाज विकाश करेगा ।
★लकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर कई व्यक्ति समाज के कारण अपनी विकाश नहीं कर पाते ।समाज से डरते है।समाज क्या कहेगा ।लेकिन हमें समाज से डरने कु जरूरत नहीं।अगर हम उस रास्ते पर विकाश करेंगे तो समाज भी हमारे पीछे चल देगा।
★ हमे अपने समाज से रूढ़िवादिता को दूर करने की चुनौती भी है।आज रूढ़िवादिता ने हमारे देश के व्यक्तियों को विकाश में सबसे बड़ी बड़ा उत्पन की है।समाज में व्यप्त रूढ़िवादिता जे कारण हमारे नागरिक का मानसिक मन विचलित हो रहा है।दहेज़ प्रथा,सति प्रथा,वाल विवाह इत्यादि हमारे समाज में व्याप्त कुरीतिया है ।जो मानव विकाश में बाधक है।
★इसे दूर करना हमारे लोकतंत्र की चुनती के साथ हमारे नागरिको और युवा वर्गों की जरूरत है जो इस कुरीतियो को दूर समाज में एक क्रांति लाये विकाश की क्रांति जिससे हमारे सभी को दो वक्त की रोटी आराम से मिल सके कोई गरीब न रहे कोउ भूख पेट न सोये।सभी खुश रहें। देश का विकाश हो ।।
मेरा भारत महान ।
जय हिंद।।
राजू कुमार।।☺
आपका सवाल का स्वागत है।
_________________________________________★जैसा की हम जानते है।व्यक्ति और समाज दोनों एक दूसरे के पूरक है।जिस परकार एक सिक्के के दो पहलु होते है।उसी प्रकार समाज रूपी सिक्के में व्यक्ति एक पहलु है।
■समाज के directly proportional व्यक्ति भी होता है। आप अपने समाज में देखे होंगे जैसा समाज होता है उसी प्रकार की वह की विकाश एवं वृद्धि की कल्पना की जाती है ।जब नागरिक टिक होंगे तो समाज भी ठीक होगा ।और विकास की राह पर अग्रसर होगा ।खराब लोग रहेंगे तो समाज भी ख़राब होगा।और जो अछे विचार के भी होंगे ,उनका भी विनाश होगा ।गलत समाज जे कारण।क्योकि आप एक कहावत पड़े।होंगे एक टोकरी की आम सड़ जाए तो उसे हटा देना चाहिये नहीं तो सभी आमो को भी सदा देगा।उसी प्रकार से समाज रूपी टोकरी में भी होता है।
★आप गौर करना जहा का समाज आदर्श होता है ।वहै के लोग उतना ही विकाश करता है।और जहा का समाज गलत होता है वह उतना वहां के लोग गर्त में जाता है।
★समाज का अच्छा होना और बुरा होना हम व्यक्तियों पर निर्भर की कैसा समाज को बनाये ।कौसे समाज विकाश करेगा ।
★लकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर कई व्यक्ति समाज के कारण अपनी विकाश नहीं कर पाते ।समाज से डरते है।समाज क्या कहेगा ।लेकिन हमें समाज से डरने कु जरूरत नहीं।अगर हम उस रास्ते पर विकाश करेंगे तो समाज भी हमारे पीछे चल देगा।
★ हमे अपने समाज से रूढ़िवादिता को दूर करने की चुनौती भी है।आज रूढ़िवादिता ने हमारे देश के व्यक्तियों को विकाश में सबसे बड़ी बड़ा उत्पन की है।समाज में व्यप्त रूढ़िवादिता जे कारण हमारे नागरिक का मानसिक मन विचलित हो रहा है।दहेज़ प्रथा,सति प्रथा,वाल विवाह इत्यादि हमारे समाज में व्याप्त कुरीतिया है ।जो मानव विकाश में बाधक है।
★इसे दूर करना हमारे लोकतंत्र की चुनती के साथ हमारे नागरिको और युवा वर्गों की जरूरत है जो इस कुरीतियो को दूर समाज में एक क्रांति लाये विकाश की क्रांति जिससे हमारे सभी को दो वक्त की रोटी आराम से मिल सके कोई गरीब न रहे कोउ भूख पेट न सोये।सभी खुश रहें। देश का विकाश हो ।।
मेरा भारत महान ।
जय हिंद।।
राजू कुमार।।☺
Answered by
1
Answer:
refer to this attachment ✅✅
Attachments:
![](https://hi-static.z-dn.net/files/df9/8f7f89c725a2299cc7f2762a5951d0c0.jpg)
Similar questions