Samvad lekhan between teacher and student on environmental pollution......Pls answer my question as fast as possible......
Answers
अध्यापक – सुप्रभात बच्चों।
विद्यार्थी – सुप्रभात गुरुजी।
अध्यापक – आज हम प्रदूषण के विषय पर चर्चा करेंगे। प्रदूषण क्या है? इसका क्या कारण है? और इससे होने वाले नुकसान और प्रदूषण को कैसे नियंत्रित करें इस विषय पर हम जाणकारी प्राप्त करेंगे।
अध्यापक – तो चलो बताओ बच्चों, प्रदूषण क्या होता है?
रोहन (विद्यार्थी) – गुरुजी, पृथ्वी पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों में कुछ हानिकारक या जहरीले पदार्थ के मिश्रण को ही प्रदूषण कहते हैं।
अध्यापक – बिलकुल सही, फैक्टरियों से निकलने वाला कचरा तथा अन्य गतिविधियों से उत्पन्न हुए अनेक प्रकार के प्रदूषक, मिट्टी, पानी, हवा/वायु को दूषित करते हैं और यही है प्रदूषण। प्रदूषण अनेक प्रकार के होते हैं। कोई बता सकता है कि प्रदूषण किस प्रकार के होते हैं? शिल्पा तुम बताओ।
शिल्पा (विद्यार्थीनी) – गुरुजी प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं जैसे वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा भू-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण इत्यादि।
अध्यापक – बिलकुल सही कहा शिल्पा ने। प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं, वायु-प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा भू-प्रदूषण। जिसे हम कहते है पर्यावरण प्रदूषण। शहरों में बढ़ते वाहनों के प्रदूषण से वातावरण और ताजी हवा प्रदूषित होती है, जो सांस लेने के लिए हानिकारक है। प्रदूषित वायु में साँस लेने से मनुष्य को फेफड़ों और श्वास-संबंधी अनेक रोगों का सामना करना पड़ रहा हैं। बड़े-बड़े सीवरेज सिस्टम से गंदा पानी निकलकर नदियों, झरनों तथा महासागरों में मिलता है और यह प्रदूषित जल पीने से पेट संबंधी रोग जैसे कालरा, आंत्र ज्वर, पीलिया फैलते हैं। ध्वनि प्रदूषण से मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। इससे अशांति, बहरापन, चिंता इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह बताओ कि इस बढ़ते प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है।
सक्षम (विद्यार्थी) – गुरुजी, धुआं उत्पन्न करने वाले वाहनों के स्थान पर स्कूल जाने के लिए साइकिल का उपयोग कर सकते हैं। सब जगह, खास तौर से नदियों के जल में कूड़ा फेंकने की आदत छोड़कर प्रदूषण कम करने में सहायता कर सकते हैं।
निलेश (विद्यार्थी) – गुरुजी, प्रदूषण से निजात पाने के लिए सार्वजनिक स्तर पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है।
नेहा (विद्यार्थीनी) – गुरुजी, अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर, सौर ऊर्जा से चलने वाले यंत्रो का इस्तेमाल करके भी प्रदूषण को रोका जा सकता है।
अध्यापक – बिलकुल सही कहा बच्चों। प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण कोई और नहीं, खुद मनुष्य ही है। वह खुद स्वयं में के लिए तथा पृथ्वी के अन्य जीवों के लिए प्रदूषण रुपी गड्ढा खोद रहा है। और इसे रोकना सिर्फ मनुष्य के हाथों में ही हैं। मैं आप सबको गृहकार्य देता हूँ। कल प्रदूषण विषय पर सभी निबंध लिखकर लाएंगें।
सभी विद्यार्थी – ठीक है गुरुजी।
Answer:
superb bro
Explanation:
Fantastic