Hindi, asked by nareshbhagta10, 9 months ago

samyuktakshar in Sanskrit​

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Answered by rahulsaab8808
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Answer:

जब दो अक्षर मिलकर संयुक्त अक्षर बनाते हैं तो जिस अक्षर की आधी ध्वनि होती है उसकी गणना पूर्व अक्षर के साथ होती है.

यथा: अर्ध = (अ + आधा र) + ध = २ + १ = ३

मार्ग = (मा + आधा र) + ग = २ + १ = ३

दर्शन = (द + आधा र) + श + न = २ + १ + १ = ४

•आधे अक्षर के पहले दीर्घ या बड़ा अक्षर हो तो आधा अक्षर उसके साथ मिलकर उच्चरित होता है इसलिए मात्रा २ ही रहती हैं. ढाई या तीन मात्रा नहीं हो सकती.

क्ष = आधा क + श

कक्षा = (क + आधा क) + शा = २ + २ = ४

क्षत = (आधा क + श ) + त = १ + १ = २

विक्षत = ( वि + आधा क ) + श + त = २ +१+१ = ४

ज्ञ = आधा ज + ञ

विज्ञ = (वि + आधा ज) + ञ = २ + १ = ३

ज्ञान की मात्रा ३ होगी, पर विज्ञान की मात्रा ५ होगी

त्र में त तथा र का उच्चारण एक साथ होता है अतः त्र की मात्रा भी १ होगी

पत्र = २ + १ = ३

पात्र = २ + १ = ३

•संयुक्त अक्षर यदि प्रथम हो तो अर्ध अक्षर की गणना नहीं होती

प्रचुर १+१+१ = ३

त्रस्त = २ + १ = ३

क्षत = (आधा क + श ) + त = १ + १ = २

•जिन्हें तथा उन्हीं की मात्रा गणना किस प्रकार होगी ?

जिन्हें तथा उन्हीं को जोर से बोलिए अप पहले जि फिर न्हें तथा उ फिर न्हीं बोलेंगी. इसी अधार पर गिनिए. मात्रा गणना के नियम ध्वन-विज्ञान अर्थात उच्चारण के अधार पर ही बने हैं.

उन्हीं = उ + (आधा न + हीं) = १ + २ = ३

जिन्हें = जि + (आधा न + हें) = १ + २ = ३

•मात्रा गणना बिलकुल आसान है . शब्द को जोर से बोलिए... उच्चारण में लगने वाले समय का ध्यान रखें. कम समय लघु मात्रा १, अधिक समय दीर्घ मात्रा २ . कुल इतना है... शेष अभ्यास...

बोलकर अंतर समझें कन्या, हंस आदि में ‘न’ का उच्चारण क्रमशः ‘क’ व ‘ह’ के साथ है. कन्हैया में ‘न’ का उच्चारण ‘है’ के साथ है क + न्है + या

कन्या = (क + आधा न) + या = २ + २ = ४

हंस = (ह + आधा न) + स = २ + १ = ३

कन्हैया = क + न्है + या = १ + २ + २ = ५

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