Hindi, asked by hetveebarodiya22, 6 months ago

सन् 1992 में उन्हें डॉ शांति प्रारूप भटनागर पुरस्कार, सन् 1964 में पद्मभूषण तथा सन् 1977 में मरणाला
पद्याविभूषण जैसे अलंकरणों से बाजा गया नि:शस्त्रीकरण से संबंधित कई महत्वपूर्ण अंतराष्ट्रीय संस्थाओं में भी भारत
डा. विक्रम साराभाई सन् 1966 में इन्टरनेशनल काउन्सिल ऑफ सायन्टिफिक यूनियन के सदस्य रहे। सन् 1966
में संघका राष्ट्र पोल में बुरेसको के विज्ञान विभाग के अध्यक्ष बने। उन्हें 'इन्डियन जियोलोजिकल यूनियन' का प्रमुख
डॉ. विक्रम साराभाई सन् 1970 में वियेना शांति अंतराष्ट्रीय अणु मंच के 14 वीं परिषद के प्रमुख बने। सन् 1971 में
অবকুল ফজল মাছ গাছফর কি ভয়াছ আস্থা স্ব কার খিল ছিuগা , অক্ষয়ক্ষা অন্যায় ।
(बह केवल उच्च कोटि के वैज्ञानिकही नहीं है, बल्कि धास्तताओं के बावजूद कला, शिक्षा व समाज के लिए पर्याप्त
मामय निकाल लेते थे। उनके ही प्रयासों से अहमदाबाद में लोकविज्ञान केन्द्र एवं नेहरू विकास संस्थान की स्थापना हुई,
यहाँ वह जन सामान्य को विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने के लिए कार्य करते रहे।
वह 21 दिसंबर सन् 1971 की काली तारीख थी, डॉ. विक्रम साराभाई को त्रिवेन्द्रम के लांचिंग स्टेशन थुम्बा में कार्य
निरीक्षण के लिए भेजा गया था। वहाँ वह एक होटल में ठहरे हुए थे। यहीं हृदय की गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई
उनके निधन से विज्ञान में नित-नए आयामों को जोड़नेवाला एक जीवन चक्र सदा के लिए रुक गया। ऐसी महान प्रतिभा
কী ফল স্কুল অলক
33​

Answers

Answered by sumansinghania8791
3

Answer:

Dont Knowwww.........

Explanation:

......,......,.....

Similar questions