Hindi, asked by ritik575, 8 months ago

सन्दर्भ सहित
व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत सौन्दर्य भी स्पष्ट
कीजिए-

पुर ते निकसी रघुवीर-बधू, धरि धीर दए मग में डग द्वै।
झलकी भरि भाल कनी जल की, पुट सूखि गये मधुराधर वै।।
फिर बूझति है-"चलनो अब केतिक पर्णकुटी करिहौ कित हौ।
तिय की लखि आतुरता पिय की अखिया अति चारू चली
जल ज्वै

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Answers

Answered by kanchanks1196
2

Answer:

sorry I didn't understand

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