World Languages, asked by Geekruv, 9 months ago

Sandhi of सूर्य: +भासते ( I think Visarg sandhi) please tell fast,
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Answered by ashokkumarr1031986
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संधि की परिभाषा Sandhi in Hindi

पास-पास स्थित पदों के समीप विद्यमान वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। संधि के तीन भेद होते हैं- स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि।

संधि के उदाहरण – Sandhi Viched In Hindi

हिमालय = हिम + आलय, सत् + आनंद =सदानंद।

व्याकरण औरशब्द-रचना

(क) सन्धि,

(ख) शब्दों में सूक्ष्म अन्तर,

(ग) अनेकार्थी शब्द,

(घ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द,

(ङ) संस्कृत शब्दों में विभक्ति की पहचान,

(च) वाक्यों में त्रुटिमार्जन

प्रश्न-ज्ञान : इस प्रकरण से परीक्षा में

(क) 3 अंक के सन्धि-विच्छेद-दीर्घ, गुण, यण, अयादि में से किन्हीं तीन सन्धियों से सम्बन्धित शब्दों का सन्धि-विच्छेद,

(ख) शब्दों में सूक्ष्म अन्तर,

(ग) अनेकार्थी शब्द,

(घ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (केवल दो शब्द),

(ङ) संस्कृत शब्दों में विभक्ति की पहचान,

(च) वाक्यों में त्रुटिमार्जन (लिंग, वचन, कारक, काल एवं वर्तनी सम्बन्धी त्रुटियाँ) पर आधारित 2-2 अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे। इस प्रकार यह प्रकरण कुल 13 अंक का होगा।

सन्धि – Sandhi

(दीर्घ, गुण, यण, अयादि में से किन्हीं तीन सन्धियों से सम्बन्धित शब्दों का सन्धि-विच्छेद) – सन्धि की परिभाषा–परः सन्निकर्षः संहिता (पा० 1/4/109)। सन्धि का सामान्य अर्थ है-‘मेल’ या ‘मिलाना’। जब दो शब्द पास-पास आते हैं तो एक-दूसरे की निकटता के कारण पहले शब्द के अन्तिम वर्ण तथा दूसरे शब्द के प्रथम वर्ण में अथवा दोनों में कुछ परिवर्तन हो जाता है। इस प्रकार होनेवाले परिवर्तन (विकार) को ‘सन्धि’ कहते हैं; जैसे—’हिम’ और ‘आलय’ में हिम के अन्तिम स्वर वर्ण ‘अ’ तथा आलय के प्रथम स्वर वर्ण ‘आ’ के मिलने से हिमालय रूप बना।

यह सन्धि स्वर, व्यञ्जन और विसर्ग के भेद के कारण तीन प्रकार की होती है-

स्वर-सन्धि, – Swar Sandhi

व्यञ्जन-सन्धि, – Vyanjan Sandhi

विसर्ग-सन्धि। – Visarg Sandhi

1. स्वर-सन्धि – Swar Sandhi

परिभाषा-स्वरों का स्वरों के साथ मेल होने पर उनमें जो ध्वनि सम्बन्धी परिवर्तन होता है, उसे ‘स्वर-सन्धि’ कहते हैं।

भेद-स्वर सन्धि के मुख्य रूप से पाँच भेद होते हैं-

दीर्घ सन्धि,

गुण सन्धि,

यण सन्धि,

अयादि सन्धि,

वृद्धि सन्धि।।

विशेष-पाठ्यक्रम में केवल स्वर सन्धि और उसके अन्तर्गत केवल दीर्घ, गुण, यण व अयादि सन्धि ही निर्धारित हैं। अत: यहाँ पर केवल इन्हीं सन्धियों का विवरण दिया जा रहा है।

दीर्घ सन्धि – Deergha Sandhi

नियम-यदि ह्रस्व या दीर्घ स्वर अ, इ, उ, ऋ/ल के बाद क्रमश: ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, ऋ/ल आएँ तो दोनों के मिलने से क्रमश: दीर्घ आ, ई, ऊ, औ, ऋ हो जाते हैं;

जैसे-

deergha sandhi examples in hindi

deergha sandhi examples in hindi

विशेष-ऋ, ल सवर्ण संज्ञक हैं; अत: दोनों समान स्वर माने जाते हैं। ऋ, ल में से किसी भी स्वर के पूर्व या पश्चात् होने पर दोनों के स्थान पर दीर्घ ऋ ही होता है; क्योंकि संस्कृत में लु दीर्घ नहीं होता है।

गुण सन्धि – Guna Sandhi

नियम -यदि अ अथवा आ के पश्चात् ह्रस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ एवं ल आ जाएँ तो उनके स्थान पर क्रमशः ए, ओ, अर् तथा अल् हो जाता है;

जैसे-

guna sandhi examples in hindi

यण सन्धि – Yan Sandhi

नियम-यदि ह्रस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ तथा लु के बाद कोई असमान स्वर आ जाए तो इ-ई का य्, उ-ऊ का व् और ऋ का र् तथा लु का ल हो जाता है। (जिस व्यंजन में ये स्वर संयुक्त होंगे वह इन स्वरों के निकल जाने पर हलन्त हो जाएगा);

जैसे-

yan sandhi examples in hindi

अयादि सन्धि – Ayadi Sandhi

नियम-यदि ए, ओ, ऐ, औ के बाद कोई भी स्वर आए तो ए का अय्, ओ का अव, ऐ का आय तथा औ का आव् हो जाता है;

जैसे-

ayadi sandhi examples in hindi

सन्धि सम्बन्धी बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर निर्देश-सन्धि-विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए

1. पुस्तकालयः का सन्धि-विच्छेद है

(क) पुस्त + कालयः

(ख) पुस्तका + लयः

(ग) पुस्तक + आलयः

(घ) पुस्तक + लयः।

उत्तर :

(ग) पुस्तक + आलयः

2. रमेशः का सन्धि-विच्छेद है

(क) रम + एशः

(ख) रम + इशः

(ग) रमा + एशः

(घ) रमा + ईशः।

उत्तर :

(घ) रमा + ईशः।

3. इत्यादि का सन्धि-विच्छेद है

(क) इति + आदि

(ख) इत्य + आदी

(ग) इत + आदि

(घ)

17. ‘देवर्षिः’ का सन्धि-विच्छेद है–

(क) देवः + ऋषिः

(ख) देवा + ऋषिः

(ग) देव + ऋषिः

(घ) देव + अर्षिः।

उत्तर :

(घ) देव + अर्षिः।

18. ‘नायकः’ का सन्धि-विच्छेद है—-

(क) नाय + कः

(ख) नाय + यकः

(ग) नै + अकः।

उत्तर :

(ग) नै + अकः।

19. ‘देवालयः’ का सन्धि-विच्छेद है–

(क) देव + आलयः

(ख) देवा + लयः

(ग) दे + वालयः।

उत्तर :

(ग) दे + वालयः।

20. ‘मदनोत्सवः’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) मदनोत्सवः

(ख) मदन + उत्सवः

(ग) मद + नोत्सवः।

उत्तर :

(ख) मदन + उत्सवः

21. ‘भानूदयः’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) भानू + उदयः

(ख) भानु + ऊदयः

(ग) भानु + उदयः

(घ) भानू + दयः।

उत्तर :

(ग) भानु + उदयः

22. ‘लघ्वाकृति’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) लघू + आकृति

(ख) लघु + आकृति

(ग) लघू + कृति

(घ) लघु + कृति।

उत्तर :

(ख) लघु + आकृति

23. ‘तथैव’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) तथा + इव

(ख) तथा + एव

(ग) तथा + ऐव

(घ) तथ + ऐव।

उत्तर :

(ख) तथा + एव

24. ‘नवोढा’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) नव + उढा

(ख) नवो + ढा

(ग) न + ओढा

(घ) नव + ऊढा।

उत्तर :

(घ) नव + ऊढा।

25. ‘नायिका’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) ना + इका

(ख) नायि + का

(ग) नै + इका

(घ) न + आइका।

उत्तर :

(ग) नै + इका

26. ‘पवनम्’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) पै + अकः

(ख) पव + अनम्

(ग) पो + अनम्।

(घ) प + वनम्।

उत्तर :

(ग) पो + अनम्।

27. ‘पावकः’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) पौ + अकः

(ख) पा + वक:

(ग) पाव + कः।

उत्तर :

(क) पौ + अकः

28. ‘हिमालयः’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) हिमा + लयः

(ख) हि + मालयः

(ग) हिम + आलयः।

उत्तर :

(ग) हिम + आलयः।

29. ‘महेशः’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) मह + एशः

(ख) महा + ईशः

(ग) महे + एशः।

उत्तर :

(ख) महा + ईशः

30. ‘मध्वरिः’ का सन्धि-विच्छेद है

(क) मध + वरिः

(ख) मध्व + रिः

(ग) मधु + अरिः

(घ) म + ध्वरिः।

उत्तर :

(ग) मधु + अरिः

Hindi Grammar

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