Sansad Mein Mahila Aarakshan avashyak hai iss ke paksh mein baal vivaad Pratiyogita ke liye ek speech De plz it's urgent
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भारतीय समाज में स्त्रियों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार की समाप्ति एवं उनकी राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए 12 सितंबर 1996 को पहली बार महिला आरक्षण का विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था, जो तब से लेकर आज तक राजनीतिक दलों की राजनीति का शिकार है| मार्च 2010 में राज्यसभा में यह विधेयक पारित हो जाने के बाद महिलाओं को 33% आरक्षण देने की नीति पर काफी विवाद हो चुका है| महिलाओं के दोयम दर्जे का प्राणी न सिर्फ भारतीय, बल्कि पूरे विश्व के पुरुष प्रधान समाज में माना जाता रहा है| यही कारण है कि आज भी विश्व की समुचित संसदीय व्यवस्था में महिलाओं की हिस्सेदारी 20% से भी कम है|
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