World Languages, asked by trisha7544, 6 months ago

sanskrit speech on aatm nirbhar bharat​

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Answered by cypertae
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आत्मनिर्भर का सही मतबल तो यह होता है कि कोई भी व्यक्ति, गाँव या देश किसी दूसरे के सहारे या किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होकर खुद पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना खुद के लिए, अपने गाँव, शहर, जिले और देश के लिए बहुत जरूरी है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा।

कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे पर निर्भर है, हर काम या अपनी आवश्यकता के लिए दूसरे की मदद की गुहार करता है तो उसके लिए यह बहुत बड़ी कमी है। उसे खुद पर निर्भर होना चाहिए न कि किसी दूसरे पर। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो किसी भी समय उस पर कोई भी मुश्किल या मुसीबत आये तो वह खुद ही उसे सुलझा सकता है। बल्कि उसे किसी दूसरे की कोई जरूरत नहीं पड़ती।

Answered by 20585
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Answer:

भारत दुनिया के प्राचीन देशों में अपना एक विशेष स्थान रखता है। यहां की संस्कृति, रंग-ढंग और कला को देखकर हम यह साबित कर सकते हैं कि भारत पहले से आत्मनिर्भर रहा है। आत्म निर्भर का सही अर्थ हम जाने तो इसका यही मतलब होता है कि स्वयं के हुनर पर ही खुद का विकास और सुदृढ़ होना, चाहे वह विकास छोटे स्तर से हो या फिर बड़े स्तर पर।

हम अपने छोटे स्तर से खुद के हुनर पर अपना विकास करेंगे तो इसके साथ ही हमारे देश का भी आर्थिक तरीके के साथ और भी कई तरह से विकास में हमारी भूमिका बनेगी।

आत्मनिर्भर का मतलब यही होता है कि हम अपने घरों में अपने द्वारा किसी सामग्री को तैयार करके उस सामग्री से उचित मूल्य प्राप्त कर और उससे अपनी आमदनी का भरण पोषण कर सके। कच्चे सामान से सामग्री का निर्माण करके उसकी वहां पर पूर्ति करना जहां पर इसकी अधिक जरूरत हो। जैसे आसपास के बाजार या फिर आसपास किसी छोटे गांव, शहर में।

आसान से शब्दों में बात करें तो लोकल सामग्री का उपयोग करना ही आत्मनिर्भर एक रूप है। आत्मनिर्भर भारत के उदाहरणों में मत्स्य पालन, कुटीर उद्योग द्वारा प्राप्त सामग्री, खेती आदि शामिल है। इन सभी के सहयोग से हम अपने शहर से छोटे शहरों और गांवों में इसको पहुंचाकर राष्ट्र के विकास में अपना अहम योगदान दे सकते हैं।

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