Hindi, asked by gagandeepsingh198, 7 months ago

Sant ramanand ji ke kitne parmukh huu​

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सन्त रामानन्द के पांच सौ से अधिक शिष्य सारे उत्तर भारत में घर – घर जाकर भक्ति का प्रचार – प्रसार करते थे. रामानंद क्रांतकारी महापुरुष थे. इन्होने रामानुजाचार्य की भक्ति परम्परा को उत्तर भारत में लोकप्रिय बनाया तथा ‘रामावत’ सम्प्रदाय का गठन कर रामतंत्र का प्रचार किया. सन्त रामानन्द के गुरु का नाम राघवानन्द था जिसका रामानुजाचार्य की भक्ति परम्परा में चौथा स्थान है.

सन्त रामानन्द का जन्म सन 1299 ई. में प्रयाग में हुआ था. इनकी माता का नाम सुशीला और पिता का नाम पुण्य – दमन था. इनके माता – पिता धार्मिक विचारो और संस्कारो के थे. इसलिए रामानंद के विचारो पर भी माता – पिता के संस्कारो का प्रभाव पड़ा. बचपन से ही वे पूजा – पाठ में रुचि लेने लगे थे.

रामानंद की प्रारम्भिक शिक्षा प्रयाग में हुई. रामानंद प्रखर बुद्धि के बालक थे. अतः धर्मशास्त्रो का ज्ञान प्राप्त करने के लिए इन्हें काशी भेजा गया. वही दक्षिण भारत से आये गुरु राघवानन्द से उनकी भेंट हुई.Answer:

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