Hindi, asked by Ushadyaram, 7 months ago

sanyasi ki liye in dono main koi antar nahi tha​

Answers

Answered by subhashmaurya637
6

give choice from the question

Answered by dcharan1150
15

सन्यासी के लिए कोई भी अंतर नहीं था।

Explanation:

सच्चा सन्यासी वह होता है , जो की इस मोह से परिपूर्ण दुनिया के पार चला गया हो। इसलिए उसे जब भी ये दुनिया कोई भी चीज़ देती हैं तब उसके लिए इन चीजों का कोई मूल्य ही नहीं रहता हैं। सन्यासी के लिए तो प्रभु की सेवा ही जीवन को चरितार्थ करने का एक मात्र रास्ता हैं।

सन्यासी को दुनिया के किसी व्यक्ति तथा वस्तु से लगाव नहीं रहता हैं। उसे सिर्फ मुक्ति का ही मार्ग दिखता हैं। इसलिए आम इंसानों के भांति किसी विशेष वस्तु या व्यक्ति का मोह नहीं रहता हैं। सन्यासी के लिए प्रभु को अलावा सारे वस्तु सिर्फ भौतिक जंजालों का फंदा लगता हैं।

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