Hindi, asked by pikachu6608, 1 year ago

Sanyog shringar ke example

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Answered by vikram991
41
here is your answer


इसका स्थाई भाव रति होता है नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस कि अवस्था में पहुँच जाता है तो वह श्रंगार रस कहलाता है इसके अंतर्गत सौन्दर्य, प्रकृति, सुन्दर वन, वसंत ऋतु, पक्षियों का चहचहाना आदि के बारे में वर्णन किया जाता है


उदाहरण :


Shringar Ras ke Udaharan
दरद कि मारी वन-वन डोलू वैध मिला नाहि कोई
मीरा के प्रभु पीर मिटै, जब वैध संवलिया होई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरा पति सोई

बसों मेरे नैनन में नन्दलाल
मोर मुकुट मकराकृत कुंडल, अरुण तिलक दिये भाल

अरे बता दो मुझे कहाँ प्रवासी है मेरा
इसी बावले से मिलने को डाल रही है हूँ मैँ फेरा

कहत नटत रीझत खिझत, मिलत खिलत लजियात
भरे भौन में करत है, नैननु ही सौ बात
Answered by ANGEL123401
17

Hi mate here is the answer:-✍️

योग श्रृंगार वहां होता है जहां नायक-नायिका की मिलन अवस्था का चित्रण किया जाता है।

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में निज आलिन्द में खड़ी थी सखी एक रात,

रिमझिम बूंदें पढ़ती थी घटा छाई थी ,

गमक रही थी केतकी की गंध ,

चारों और झिल्ली झनकार ,

वही मेरे मन भाई थी।

चौक देखा मैंने चुप कोने में खड़े थे प्रिय ,

माई मुख लज्जा उसी छाती में छुपाई थी।

साकेतयहां पर

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