Hindi, asked by lrsharma7475, 5 hours ago

सप्रसंग व्याख्या करो कदपुटली गुस्से से बोली उबली बोली ये धागे क्यों है​

Answers

Answered by patelferry159
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Answer:

hi I want to know about the same pinch of the world

Answered by IxIitzurshizukaIxI
0

Answer:

कठपुतली कविता की इन पंक्तियों में कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने एक कठपुतली के मन के भावों को दर्शाया है। कठपुतली दूसरों के हाथों में बंधकर नाचने से परेशान हो गयी है और अब वो सारे धागे तोड़कर स्वतंत्र होना चाहती है। वो गुस्से में कह उठती है कि मेरे आगे-पीछे बंधे ये सभी धागे तोड़ दो और अब मुझे मेरे पैरों पर छोड़ दो।

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