सप्रसंग व्याख्या लिखिए।
बहुत दिनों के बाद-
अबकी मैंने जी भर देखी,
पकी-सुनहली फसलों की मुस्कान!
बहुत दिनों के बाद।
अबकी मैं जी भर सुन पाया-
धान कूटती किशोरियों की
कोकिल-कंठी तान।
बहुत दिनों के बाद।
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Explanation:
व्याख्या - कवि कहना चाह रहा है की उसने बहुत दिनों बाद सुनहली फसलों को जी भर के देखा. वो कहता है की बहुत दिनों बाद उसने धान को कूट ती लड़कियों की कोयल जैसी मधुर - मीठी वाणी को सुना.
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- लंबे समय के बाद प्रस्तुत की गई कविता कवि नागार्जुन द्वारा लिखी गई है। कवि नागार्जुन की यह कविता युगधारा नामक कविताओं के संग्रह से ली गई है।
- कवि बहुत दिनों के बाद अपने परिचित गाँव में आता है और यहाँ अपार आनंद और संतुष्टि का अनुभव करता है। इस उल्लास को कवि ने शब्दों, स्पर्श, रस, रूप और गंध की पांच छवियों के माध्यम से व्यक्त किया है।
- प्रस्तुत कविता में कवि बताता है कि बहुत दिनों के बाद ग्रामीण प्रकृति के सुंदर और मनमोहक रूप को देखने का सुखद अनुभव हुआ।
- मैंने वहाँ सुनहरी फ़सलों को मुस्कुराते हुए देखा, धान की जुताई करती युवतियाँ, कोमल कंठों से गीत गा रही थीं। बहुत दिनों के बाद मुझे गाँव में ताज़े मौलसरी के फूलों की दिव्य सुगंध का अनुभव हुआ।
- बहुत दिनों बाद मुझे लगा कि पगडंडी पर बिखरी चंदन की धूल, कवि ने गन्ने का रस चूसा। उपरोक्त कविता के दौरान कवि ग्रामीण परिवेश का वर्णन कर रहा है, जो शहर में दुर्लभ है।
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