sar lekhan and explanation of vakh of laldyad
Answers
Answered by
1
Explanation:
इस कविता में रोजमर्रा की साधारण चीजों को उपमा के तौर पर उपयोग करके गूढ़ भक्ति का वर्णन किया गया है। नाव का मतलब है जीवन की नैया। इस नाव को हम कच्चे धागे की रस्सी से खींच रहे होते है। कच्चे धागे की रस्सी बहुत कमजोर होती है और हल्के दबाव से ही टूट जाती है। हालाँकि हर कोई अपनी पूरी सामर्थ्य से अपनी जीवन नैया को खींचता है। लेकिन इसमें भक्ति भावना के कारण कवयित्री ने अपनी रस्सी को कच्चे धागे का बताया है। भक्त के सारे प्रयास वैसे ही बेकार हो रहे हैं जैसे कोई मिट्टी के कच्चे सकोरे में पानी भरने की कोशिश करता हो और वह इधर उधर बह जाता है।
भक्त इस उम्मीद से ये सब कर रहा है कि कभी तो भगवान उसकी पुकार सुनेंगे और उसे भवसागर से पार लगायेंगे। उसके दिल में भगवान के नजदीक पहुँचने की इच्छा बार बार उठ रही है।
Answered by
0
Answer:
granted LA blah LA vivran
Similar questions