सर्व के संठगत तथा गैर- संस्थागत स्त्रोतों में भेद कीजिये।
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Explanation:
विधिक सेवा प्राधिकरण के कितने स्तर हैं?यह भाग लोगों को सूचना के अधिकार के तहत सूचना हासिल करने की ... नागरिकों न केवल महत्वपूर्ण सूचनाएं ही प्राप्त हो रही हैं बल्कि ये ...
संस्थागत और गैर-संस्थागत स्त्रोतो मे निम्न अंतर है |
Explanation:
गैर-संस्थागत स्रोतों में कर्जदाता, व्यापारी और दलाल, रिश्तेदार और भू-स्वामी शामिल हैं |संस्थागत स्रोत संस्थानों या संघों द्वारा जारी किए गए प्रकाशन हैं | संस्थागत स्रोतों में सहकारी संस्थाएं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समूह, भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड सहित व्यावसायिक बैंक शामिल हैं | संस्थागत ऋण का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने और उनकी आय को अधिक से अधिक करने में सहायता करना है। व्यापारी और कमीशन एजेंट फसलों की परिपक्वता से पहले उत्पादक उद्देश्यों के लिए किसान को ऋण दे रहे हैं और फिर किसानों को बहुत कम कीमतों पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर करते हैं और भारी कमीशन लेते हैं।