'सर्वशुक्ला सरस्वती' किसने कहा है ?
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उत्तर यदि विराट ज्ञान को मूर्तरूप देना हो, अर्थात् उसे किसी एक केन्द्र में प्रकट करना हो तो मन रूपी हंस के बिना यह संभव नहीं। सरस्वती का आह्वान हंस के द्वारा ही संभव है। सरस्वती को सर्व-शुक्ला कहा गया है।
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सर्वशुक्ला सरस्वती' विजयाना को कहा गया है।
- विजयाना संस्कृत लेखिका थी।
- विजयाना ने लौकिक संस्कृत में सराहनीय कार्य किया है। उसके पदों में सौष्ठवता देखने मिलती थी। वह एक असाधारण लेखिका थी जिसके कारण प्रभावित होकर दण्डी ने उसे सर्व शुक्ला सरस्वती कहा है।
- विजयाना सांवले रंग की थी परन्तु उसकी कृतियां ज्योतिर्मय थी।
- विजयाना ने नील कमल की पंखुड़ियों की तरह अपनी रचना में लेखन की कला द्वारा अभा बिखेरी है।
- संस्कृत साहित्ये लेखिका पाठ के द्वारा हमें संस्कृत साहित्य के विकास में महिलाओं के योगदान की जानकारी मिलती है। जिस प्रकार पुरुषों ने वैदिक काल में संस्कृत की सेवा की है उसी प्रकार महिलाओं ने भी सराहनीय कार्य किया है।
- वैदिक काल में अपाला, उर्वशी , इंद्राणी ऋषिकाएं मंत्रो की दर्शिकाएं थी।
सर्वशुक्ला सरस्वती' विजयाना को कहा गया है।
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