"सरकंडे से हाथ -पाँव और मटके जैसा पेट।
पिचके-पिचके गाल दोउ, मुँह तो इँडियागेट।"
निम्नलिखित काव्य पंक्ति में रस पहचानकर बताइए।
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हास्य रस hai is kavita me
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इसमें हास्य रस है।
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