सरकार की महत्वाकांक्षी 'बुलेट ट्रेन परियोजना' विषय पर दो मित्रों के बीच हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।
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अगर आप ग्रेजुएट हैं और थोड़ी जापानी भाषा आती है तो आप को देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का मौका मिल सकता है. नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) ने शुरू में बुलेट ट्रेन के लिए 56 ड्राइवर की नियुक्ति करने की योजना बनाई है. करीब इतनी ही संख्या में स्टेशन मास्टर की भी नियुक्ति होगी. देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाई जाएगी.
एनएचएसआरसीएल मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पूरी करने वाली एजेंसी है. उसके मुताबिक, ड्राइवर के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन हो सकती है. इसके आलावा साइकोमेट्रीक टेस्ट भी देना होगा. उम्मीदवार के लिए जापानी भाषा का थोड़ा ज्ञान जरूरी है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, ज्यादातर ट्रेनें जापान से मंगाई जाएंगी.
जापान में ट्रेनों की ट्रेनिंग देने वाले लोग अंग्रेजी नहीं जानते हैं. इसलिए एजेंसी जापानी भाषा के ज्ञान को ड्राइवर की नियुक्ति के लिए जरूरी शर्त तय करने जा रही है. साइकोमेट्रीक टेस्ट में उम्मीदवार की खास योग्यता की जांच होती है, जो कामकाज के लिहाज से जरूरी होती है. एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों ने बताया कि उसने 2 से 3 साल में करीब 360 लोगों को ट्रेनिंग के लिए जापान भेजने की योजना बनाई
अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन की पहली परियोजना अगस्त 2022 तक पूरी हो जाने की उम्मीद है. जापान इस परियोजना में मदद कर रहा है. जनवरी 2019 से 508 किलोमीटर लंबे रेल कॉरिडोर को बनाने का काम शुरू हो जाएगा. परियोजना पूरी होने पर दोनों शहरों के बीच आने-जाने में सिर्फ दो घंटे का समय लगेगा. अभी इस सफर में 8 से 9 घंटे का टाइम लग जाता है.
शुरुआत में बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच एक तरफ से 35 ट्रिप पूरी करेगी. हर ट्रिप में करीब 700 यात्री सफर करेंगे. इस ट्रेन का आनंद उठाने के लिए 250 रुपये से 3000 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. हर ट्रेन में 10 कोच होंगे. हर ट्रेन में बिजनेस क्लास की 55 सीटें और स्टैंडर्ड क्लास की 695 सीटें होंगी. बीमार लोगों के लिए जरूरी सुविधाएं होंगी. इसके अलावा पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वॉशरूम होंगे. चाइल्ड फीडिंग के लिए अलग रूम होगा.