Saral ghaniy jalak ki parmanu trijya kya hoti hai
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Explanation:ठोसों के अवयवी कणों (atoms, molecules or ions) के किसी भी प्रकार संकुलित होने की स्थिति में भी कुछ स्थान रिक्त रह जाता है।
कुल उपलब्ध स्थान का वह प्रतिशत जो कणों द्वारा संपूरित होता है, संकुलन क्षमता (Packing Efficiency) कहलाता है।
hcp और ccp संरचनाओं में संकुलन क्षमता
hcp और ccp संरचनाओं में संकुलन क्षमता लगभग बराबर होती है।
मान लिया कि ccp संरचना के एकक कोष्ठिका के किनारे की लम्बाई
a
तथा फलक विकर्ण AC = b है।
solid state-close packing structure
△
ABC में,
A
C
2
=
B
C
2
+
A
B
2
⇒
b
2
=
a
2
+
a
2
मान लिया कि यदि गोलो की त्रिज्या
=
r
हो, तो
b
=
4
r
∴
b
2
=
(
4
r
)
2
=
2
a
2
⇒
4
r
=
√
2
a
⇒
a
=
4
r
√
2
=
2
√
2
r
-----(i)
हम जानते हैं कि,
r
त्रिज्या वाले गोले का आयतन
=
4
3
π
r
3
चूँकि ccp संरचना में प्रति एकक कोष्ठिका 4 गोले होते हैं।
अत: 4 गोले का कुल आयतन
=
4
×
(
4
3
)
π
r
3
हम जानते हैं कि
a
किनारे वाले घन का आयतन
a
3
अत: समीकरण (i) से
a
का मान रखने पर
एकक कोष्ठिका का कुल आयतन
=
a
3
=
(
2
√
2
r
)
3
अत: संकुलन क्षमता
solid state-packing efficiency formula
=
4
×
(
4
/
3
)
π
r
3
×
100
(
2
√
2
r
)
3
%
=
(
16
/
3
)
π
r
3
×
100
16
√
2
r
3
%
अत: संकुलन क्षमता
=
74
%
अंत: केन्द्रित घनीय संरचनाओं में संकुलन क्षमता (Packing Efficiency in Body Centered Cubic (bcc) Structures)
मान लिया अंत: केन्द्रित घनीय संरचना चित्र में ली गई है।