सरल स्थायी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
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ऊतक (tissue) किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के ऐसे समूह को कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। अधिकांशतः ऊतको का आकार एंव आकृति एक समान होती है। परंतु कभी कभी कुछ उतकों के आकार एंव आकृति में असमानता पाई जाती है, मगर उनकी उत्पत्ति एंव कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक में समान सर्नचना और कार्य होते हैं ( Tissue is a group of celLS in which similar in structure and function.)
ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) के रूप में जाना जाता है।
उत्तक के चार प्रकार के होते है
1- उपकला ऊतक (epithelal tissue)
2- संयोजी ऊतक ( connective tissue)
3- पेशी ऊतक ( muscle tissue)
4- तंत्रिका ऊतक ( nervous tissue)
सरल स्थायी ऊतकों को फिर से तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
Explanation:
- वे पैरेन्काइमा, कोलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा हैं।
- साधारण स्थायी ऊतक में समान कार्य करने वाली समान कोशिकाएं होती हैं और समरूप समूहों में होती हैं।
- वे ऐसी विशिष्ट कोशिकाएँ नहीं हैं और सेल्युलोज से बनी पतली कोशिका भित्ति वाली होती हैं।
- इस ऊतक में कोशिकाओं को शिथिल स्थान दिया जाता है।
- अतः इन कोशिकाओं के बीच अंतरकोशिकीय स्थान बड़े होते हैं।
- जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है। वे दो प्रकार के होते हैं, अर्थात् जाइलम ऊतक और फ्लोएम ऊतक।
पैरेन्काइमा
- पैरेन्काइमा एक प्रकार का साधारण स्थायी ऊतक है जो पूरे पौधे के शरीर में पाया जाता है। ये ऊतक पतली कोशिका भित्ति वाली जीवित कोशिकाओं से बने होते हैं जो अंतःकोशिकीय स्थान को समायोजित करने के लिए शिथिल रूप से पैक होते हैं।
कोलेनकाइमा
- कोलेनकाइमा भी एक जीवित ऊतक है जिसमें एक मोटी कोशिका भित्ति होती है जो सेल्यूलोज, पानी और पेक्टिन से बनी होती है।
स्क्लेरेनकाइमा
- स्क्लेरेन्काइमा ऊतक मृत कोशिकाओं से बना होता है जिसमें नगण्य प्रोटोप्लाज्म के साथ एक मोटी कोशिका भित्ति होती है। इन ऊतकों की द्वितीयक कोशिका भित्ति बहुत मोटी होती है और लिग्निन का स्राव करती है, जो पौधों को यांत्रिक सहायता प्रदान करती है।