India Languages, asked by mishty685, 5 hours ago

saransh lekhan in Marathi​

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Answered by sujaysaha10011978
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Answer:

अच्छे कर्मों का अर्थ है कि मनुष्य स्वर्ग में जाता है और बुरे कर्मों का अर्थ है कि वह नरक में जाता है हमारी ऐसी पूर्वकल्पित धारणा है। ये स्वर्गीय और नारकीय स्थान कहाँ होने चाहिए, इसके कुछ सार्वभौमिक संकेत भी हैं। स्वर्ग कहीं आकाश से परे है और नरक निचले रसातल में माना जाता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये पते अब बदल गए हैं। अच्छे कर्म स्वर्ग लाते हैं

बुरे कर्म नरक की ओर ले जाते हैं। अच्छे या बुरे कर्मों का बीज हमारे मन में होता है। वह क्रिया हमारे मन को उतना ही प्रभावित करती है जितना बाहरी दुनिया को। मन का हर विचार और हाथ से की जाने वाली हर क्रिया हमारे दिमाग को ऊपर और नीचे ले जाती है। हमारे दिमाग में यही होता है। तो हमारा मन स्वर्ग या नर्क का स्थान है। सज्जन का मन स्वर्ग है, दुष्ट का मन नर्क है, इन बदले हुए पतों को याद करके ही तय करना है कि कहाँ जाना है।

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