१९, सरस्वती-सदन, गुरुवार पेठ, नागपुर ४४० ००१ से धर्मेश अपने
| मित्र भावेश को उसके जन्मदिन के अवसर पर बधाई-पत्र लिखता है।
Answers
१९, सरस्वती सदन,
गुरुवार पेठ,
नागपुर-४४० ००१
११ दिसंबर, २०१२
प्रिय मित्र भावेश,
सप्रेम नमस्कार।
तुम्हारे जन्मदिन समारोह का निमंत्रण पत्र मिला। धन्यवाद।
तुम्हारा निमंत्रण-पत्र पाकर मैंने तुम्हारे जन्मदिन की पार्टी में आने का निश्चय किया था। परंतु कल ही मैदान में क्रिकेट खेलते समय मैं ऐसा फिसला कि मेरे दाएँ पैर में जोर की मोच आ गई है। भगवान की दया से पैर में प्लास्टर नहीं लगा। पर डाक्टर ने कुछ दिन घर पर ही रह कर आराम करने के लिए कहा है। खैर, मैं शरीर से तुम्हारे यहाँ नहीं आ सकता तो क्या हुआ, मेरा मन तो तुम्हारे साथ ही है ! मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें स्वस्थ, सुखी और दीर्घायु बनाए। तुम हमेशा सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए आगे बढते रहो। मेरी माँ भी तुम्हें अपने हाथ से बनाए एक स्वेटर के रूप में अपनी शुभकामनाएँ भेज रही है। आशा है, यह तुम्हें पसंद आएगा। स्वस्थ होते ही मैं तुम्हारे यहाँ जरूर आऊँगा।
तुम्हारे जन्मदिन पर एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन।
तुम्हारा मित्र,
धर्मेश
Explanation:
१९, सरस्वती सदन,
गुरुवार पेठ,
नागपुर-४४० ००१
११ दिसंबर, २०१२
प्रिय मित्र भावेश,
सप्रेम नमस्कार।
तुम्हारे जन्मदिन समारोह का निमंत्रण पत्र मिला। धन्यवाद।
तुम्हारा निमंत्रण-पत्र पाकर मैंने तुम्हारे जन्मदिन की पार्टी में आने का निश्चय किया था। परंतु कल ही मैदान में क्रिकेट खेलते समय मैं ऐसा फिसला कि मेरे दाएँ पैर में जोर की मोच आ गई है। भगवान की दया से पैर में प्लास्टर नहीं लगा। पर डाक्टर ने कुछ दिन घर पर ही रह कर आराम करने के लिए कहा है। खैर, मैं शरीर से तुम्हारे यहाँ नहीं आ सकता तो क्या हुआ, मेरा मन तो तुम्हारे साथ ही है ! मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें स्वस्थ, सुखी और दीर्घायु बनाए। तुम हमेशा सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए आगे बढते रहो। मेरी माँ भी तुम्हें अपने हाथ से बनाए एक स्वेटर के रूप में अपनी शुभकामनाएँ भेज रही है। आशा है, यह तुम्हें पसंद आएगा। स्वस्थ होते ही मैं तुम्हारे यहाँ जरूर आऊँगा।
तुम्हारे जन्मदिन पर एक बार फिर हार्दिक अभिनंदन।
तुम्हारा मित्र,
धर्मेश