सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना
चाहिए।"
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संसार में ज्ञान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। ज्ञान प्रकाश और अज्ञान अन्धेरा है। अन्धेरे में कोई वस्तु साफ व असली रूप में दिखाई नहीं देती है। हर वस्तु रोशनी में साफ तथा असली रूप में नजर आने लगती है। इसी तरह संसार की वातों को समझने के लिए सत्य ज्ञान की जीवन में कदम-कदम पर जरूरत है।
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