Hindi, asked by shewtalahoty, 1 month ago


सतसैया के दोहरे, ज्यों नावक के तीर।
देखन में छोटे लगै, घाव करें गंभीर।।
अध्यापक की मदद से बिहारी विषयक इस दोहे को समझने का प्रयास करें। इस बार में का
किस विशेषता का पता चलता है?​

Answers

Answered by shishir303
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सतसैया के दोहरे, ज्यों नावक के तीर।

देखन में छोटे लगै, घाव करें गंभीर।।

इस दोहे के माध्यम से कवि बिहारी कम शब्दों में बड़ी बात कह दी है,  यानि उन्होंने गागर में सागर भरने का काम किया है। उनके दोहे भाव से भरे होते है, और बात की गंभीरता को सरल शब्दों में व्यक्त कर जाते हैं। उनके मन की गहराई को तो छूते ही हैं, एक सार्थक संदेश भी दे जाते हैं। उन्होंने अपने दोहों में ब्रजभाषा का सुंदरतम प्रयोग किया है।

इस दोहे का भावार्थ इस प्रकार होगा...

कवि बिहारी कहते हैं कि उनकी रचना सतसई के दोहे देखने में भले ही छोटे हों, लेकिन वह बहुत बड़ी बात कह जाते हैं। जैसे नावक का तीर जो बहुत छोटा होता है लेकिन वह घाव बड़े गंभीर कर देता है। इसी प्रकार उनकी सतसई के दोहे भले ही छोटे हैं, लेकिन उनमें अपार ज्ञान समाया हुआ है अर्थात वह गागर में सागर की तरह हैं।

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