Hindi, asked by Adityabarakoti6085, 11 months ago

satsangati ka prabhav nibandh

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Answered by sakshinishad10
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संगति का प्रभाव – मानव एक समाजिक प्राणी है उसे इस समाज में जिन्दा रहने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। हर इंसान कभी न कभी दुसरे इंसान की मदद जरूर करता है। जब दो इंसान एक साथ बैठकर बातें करते हैं जा फिर कोई अन्य कार्य करते हैं तो निश्चित ही उन पर एक दुसरे का अच्छा बुरा प्रभाव जरूर पड़ता है।

आप जिस तरह के इंसान के साथ बैठते हैं उसी तरह का प्रभाव आप पर पड़ता है अर्थात यदि आप बुरे आदमी के साथ संगति रखते हो तो आप पर बुरा प्रभाव पड़ता आप उससे बुरी आदतें ग्रहण करते हो और यदि आप एक अच्छी संगति में रहते हो तो आप बुरे से भी अच्छे बन जाते हो।

यह जान लेना बहुत जरूरी है के आप सत्संगति में रहकर अच्छे बनो जा नहीं किन्तु कुसंगति में रहकर इंसान बुरा जरूर बन जाता है अच्छी आदतों को अपनाना थोडा मुश्किल होता है और बुरी आदतों को अपनाना बहुत सरल होता है। यदि आप कुसंगत में रहकर बुरी आदतें सीखते भी नहीं तो कुसंगत में रहने वाले को लोग सदैव बुरा ही समझते हैं।

बुरा आदमी अच्छी संगति में रहकर सम्मान का पात्र बनता है एक कहावत के अनुसार ‘जैसी संगत बैठिये तैसोई फल होवत’ अर्थात जैसी संगति में आप रहते हो आपको वैसा ही फल मिलता है आप समाज को उसी के नजरिये से देखते हो।

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