Social Sciences, asked by waqar1151, 10 months ago

सवाई जयसिंह के योगदान को स्पष्ट करें।

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Answered by bhatiamona
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Answer:

सवाई जयसिंह जयपुर राज्य के शासक थे। सवाई जयसिंह ने 1725 ईस्वी में नक्षत्रों की गति की गणना करने के लिए एक शुद्ध सारणी का निर्माण करवाया था। जय सिंह ने ज्योतिष विद्या पर आधारित ‘जयसिंह कारिका’ का नामक एक ग्रंथ भी लिखा था। सवाई जयसिंह ने ज्योतिष विद्या के अध्ययन के लिए भारतवर्ष में पांच वेधशालाएं बनवाईं। यह वेधशालाएं जयपुर, दिल्ली, मथुरा, बनारस और उज्जैन में थीं। इन वेधशालाओं को ‘जंतर मंतर’ के नाम से जाना जाता है। जिनमें जयपुर और दिल्ली की वेधशाला प्रमुख वेधशाला थीं। जयपुर की जंतर मंतर वेधशाला सबसे बड़ी वेधशाला है। इसे 2010 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है।

सवाई जयसिंह ने आमेर की जगह जयपुर को कछवाहा वंश की राजधानी बनाया था। सवाई जयसिंह ने ही जयपुर शहर की स्थापना की थी। पहले इस शहर का नाम जयनगर था और इसकी जगह पर एक शिकार होदी थी। इस मोदी को सवाई जयसिंह ने बादल महल का रूप दिया और जयपुर नगर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की।  सवाई जय सिंह अंतिम हिंदू सम्राट थे, जिन्होंने 1740 में राजसूय यज्ञ और अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था। उसके बाद भारत में अंग्रेजों का आगमन हो गया और भारत की पुरानी हिंदु परंपराओं का लोप होने लगा।

Answered by Aʙʜɪɪ69
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Explanation:

सवाई जयसिंह जयपुर राज्य के शासक थे। सवाई जयसिंह ने 1725 ईस्वी में नक्षत्रों की गति की गणना करने के लिए एक शुद्ध सारणी का निर्माण करवाया था। जय सिंह ने ज्योतिष विद्या पर आधारित 'जयसिंह कारिका' का नामक एक ग्रंथ भी लिखा था। सवाई जयसिंह ने ज्योतिष विद्या के अध्ययन के लिए भारतवर्ष में पांच वेधशालाएं बनवाईं।

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