सविनय अवज्ञा आंदोलन की चार विशेषताएं लिखिए वेरी शॉर्ट आंसर point to point
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Answer:
1- 5 march1931 ko gandhiji एवं तत्कालीन वायसराय इरविन के बीच हुए समझौते के बाद सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित कर दिया गया
2_ 6 April 1930 को डाण्डी पहुंचकर गांधीजी ने नमक कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरूआत की
3_ 6 April ko savinay avagya aandolan divas manaya jata
सविनय अवज्ञा आंदोलन |
Explanation:
6 अप्रैल, 1930 को शुरू किया गया, सविनय अवज्ञा आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन था। साइमन कमीशन का गठन, डोमिनियन स्टेटस की मांग और सामाजिक क्रांतिकारियों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, इस आंदोलन के तीन सबसे महत्वपूर्ण कारण थे।
इसके अलावा, नए शुरू किए गए नमक कानूनों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नए कानूनों के अनुसार भारतीय लोगों को महत्वपूर्ण खनिज नमक खरीदने की आवश्यकता थी, जिस पर ब्रिटिश सरकार एकाधिकार का अभ्यास कर रही थी। चूंकि समाज के सभी वर्गों के लिए नमक की बुनियादी जरूरत थी। गांधी ने ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ "दांडी मार्च" के नाम से एक मार्च शुरू किया।
इस मार्च में हजारों भारतीय शामिल हुए थे। 6 अप्रैल, 1930 को, गांधी ने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग नमक कर कानून जैसे अन्यायपूर्ण कानूनों को तोड़ना चाहते थे।
इस आंदोलन के समर्थन में, भारतीय लोगों ने नमक का उत्पादन जारी रखा और विदेशी कपड़ों और सामानों का बहिष्कार किया। भारत के किसानों ने राजस्व और चौकीदारी करों का भुगतान करने से इनकार कर दिया। भारतीय प्रशासकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी और कई राज्यों में, आदिवासी लोगों ने वन कानूनों का उल्लंघन किया।
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सविनय अवज्ञा आंदोलन किसके नेतृत्व में व कब हुआ? इस विषय पर संवाद लिखिए।
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