सविनय अवज्ञा आंदोलन पर टिप्पणी
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- 12 मार्च, 1930 को गाँधीजी ने अपने 79 कार्यकर्ताओं के साथ साबरमती आश्रम से समुद्र तट पर स्थित दांडी की ओर कूच किया।
- दो सौ मील की यात्रा पैदल चलकर 24 दिन में पूरी की गई।
- 6 अप्रैल,1930 को प्रातः काल के बाद महात्मा गाँधी ने समुद्र तट पर नमक बनाकर नमक कानून को भंग किया।
- यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत हुई।
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