Hindi, asked by rockingarisha62, 1 year ago

sawwacch bharat pr ek vigyapan taayarkre

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Answered by kavita718sharma
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के लिए महज विज्ञापन पर सरकार ने 94 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के ‘निर्मल भारत अभियान’ का ही परिवर्तित संस्करण है।
एक आरटीआई के जवाब में केंद्रीय मंत्रालय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने बताया कि 2014-15 के दौरान सरकार ने विज्ञापन और प्रचार के लिए 2.15 करोड़ रुपए, अखबारों में विज्ञापन पर 70.80 लाख रुपए, दृश्य श्रव्य माध्यमों में विज्ञापन पर 43.64 करोड़ रुपए, टीवी चैनलों में डीएवीपी के माध्यम से विज्ञापनों में 25.88 करोड़ रुपए, दूरदर्शन में विज्ञापन पर 16.99 करोड़ रुपए और रेडियो में विज्ञापनों पर 5.42 करोड़ रुपए खर्च किये ।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ‘स्वच्छ भारत अभियान’ (ग्रामीण) योजना का संचालन करता है जो इससे पहले ‘निर्मल भारत अभियान’ था। योजना के तहत राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाती है।’’

लखनऊ स्थित आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा को दिए जवाब में मंत्रालय ने बताया कि जिला प्रशासन पंचायतों को कोष स्थानांतरित करता है और वही योजना के तहत दी गई राशि को खर्च करता है।

इसके अनुसार, ‘‘स्वच्छता राज्य का मामला है इसलिए योजना को लागू करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।’’

अभियान के वेबसाइट के मुताबिक, इसका लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में साफ-सफाई, स्वच्छता और खुले में शौच जाने की प्रवृत्ति को दूर कर लोगों के आम जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

इस योजना को प्रधानमंत्री ने दो अक्तूबर, 2014 को शुरू किया था जिसमें पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आने का अनुमान है।

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