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लेखिका के पिता के सामने उनके सबसे घनिष्ठ मित्र एवं अजमेर के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित डॉ अंबालाल जी ने लेखिका मन्नू भंडारी के भाषण के प्रशंसा की तो लेखिका के पिता का गुस्सा समाप्त हो गया। अब उन्हें अपनी पुत्री पर क्रोध के स्थान पर गर्व महसूस हो रहा था। इसके बाद से लेखिका के पिता उसका साथ देने लगे थे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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abhisheksingh12592:
hood ans
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