Hindi, asked by xursua9282, 1 year ago

selfie sahi ya galat in hindi language on essay writing

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Answered by VibhuNagayach100
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सेल्फी ( selfie ) आधुनिक तकनीक की उपज –
स्मार्टफोन जिसमें लगे कैमरे की आज के समय में विशेष भूमिका है। यदि आपके पास स्मार्टफोन है तभी सेल्फी ली जा सकती है। हिंदुस्तान की आबादी 133 करोड़ के आस पास आ चुकी है और देश में मोबाइल की संख्या भी इसी के आस पास है । देश में इस समय लगभग 120 करोड़ मोबाइल लोग यूज कर रहे हैं । ऐसा अनुमान है कि कुछ साल में देश की जनसंख्या से ज्यादा  फोन यूजर्स की संख्या होने वाली है । अधिकतर लोगों के पास देश में double mobiles हैं | यह कुछ आंकड़े हैं जिनसे यह पता चलता है कि देश में मोबाइल या स्मार्टफोन का यूज दिन पर दिन कितना बढ़ रहा है।
सेल्फी का चस्का
सेल्फी का चस्का दरअसल एक जानलेवा बीमारी बनता जा रहा है जहां लोग कुछ नया कर गुजरने की ख्वाहिश में ऐसे ऐसे काम कर जाते हैं  जो जानलेवा है या फिर किसी दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। सेल्फी का चस्का युवा वर्ग की जिंदगी को धीमी गति से खाता जा रहा है। अब तो यह चस्का सेल्फी स्टिक के कारण और भी तेजी से बढ़ रहा है । सेल्फी की यह खतरनाक बीमारी किसी को दिखाई नहीं दे रही और  युवा इसे नजरअंदाज कर रहे हैं जिसके भयानक परिणाम हम आज कल देख ही रहे हैं, जो बेहद चिंता का विषय बनसेल्फी से जुड़ी एक बेहद दुखद घटना है जो आपके मन को हिला देगी । उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा बैराज में कुछ विद्यार्थी मस्ती के लिए गए थे। सेल्फी का चस्का उनकी जिंदगी पर ऐसा भारी पड़ा कि इस चक्कर में सात लोगों की डूबकर मौत हो गई। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सेल्फी के चक्कर में कभी-कभी हमें इसकी बहुत बड़ी कीमत भी अदा करनी पड़ती है, जिसका हमें अंदाजा भी नहीं होता है।
सेल्फी लेने वाले सावधान हो जायें । एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा सेल्फी लेने वालों को कई बीमारियाँ हो सकती हैं |
सेल्फी के नुकसान
सेल्फी एल्बो – दिन भर सेल्फी लेने से लोग सेल्फी एल्बो नामक बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं, क्योंकि बार बार सेल्फी लेने वाले व्यक्ति की कोहनी इससे प्रभावित होती है। धीरे धीरे यह गम्भीर रूप धारण कर लेती है । इसके अलावा सेल्फी के अन्य दुष्प्रभावों का भी विश्लेषण किया गया है ।चेहरे पर आ सकते हैं असमय रिंकल्स – ज्यादा सेल्फी लेने से चेहरे पर समय से पहले ही झुर्रियां आ सकती हैं । कैमरे से निकलने वाले नीले रंग के हानिकारक रेडिएशन त्वचा में मौजूद डीएनए पर प्रभाव डालते हैं, जिसके चलते स्किन की रिपेयरिंग क्षमता काफी हद तक खराब होती है । जिससे आपके चेहरे की रंगत धीरे धीरे उड़ सकती है और समय से पहले ही आप त्वचा के रोगों से ग्रसित हो सकते हैं।मानसिक रूप से बीमार बनाता है – सेल्फी की आदत आपको मानसिक रूप से बीमार भी कर सकती है यह थोड़ा अजीब जरूर है पर एकदम सच है । एक सर्वे के अनुसार अस्पतालों में सेल्फीसाइड के जिन मरीज़ों का इलाज किया गया वो सब Obsessive -Compulsive Disorder से ही पीड़ित थे । ये मरीज़ सोशल मीडिया पर बार बार अपनी सेल्फी अपलोड करते थे और फिर उस पर आने वाले Likes का इंतज़ार करने लगते थे । अगर किसी ने सेल्फी लाइक नहींं की या कुछ अच्छा कमेंट नहीं किया तो इन्हें बुरा लगता और फिर से नयी सेल्फी अपलोड कर देते । ऐसा दिन में एक दो बार हो तो कोई बात नहीं पर एक दिन में 50 – 100 सेल्फी लेना मानसिक बीमारी को दर्शाता है ।खतरनाक जगह पर जाना मृत्यु को निमंत्रण – DNA (एक न्यूज प्रोग्राम) में सेल्फी वाले रोग का एक DNA टेस्ट किया गया था। तब उसमें बताया था कि कैसे सेल्फी लेने का शौक लोगों की जान ले रहा है। किस कदर लोग झूठी शान दिखाने के चक्कर में खतरनाक स्थानों पर जाकर सेल्फी लेते हैं और अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते ह
क्रेज ऑफ टेक्नोलॉजी –

लगभग 9.30 करोड़ सेल्फी हर दिन दुनिया में ली जाती है । भारत ही नहीं सारे देश में इसके प्रति लोगों की दीवानगी बढ़ती जा रही है। युवाओं में इसका क्रेज काफी ज्यादा है। वर्ष 2013 में ‘सेल्फी’, ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द इयर बना जो इसके क्रेज की दास्तां बयां करता है। भारत में  पिछले तीन से चार साल में इसका क्रेज ज्यादा बढ़ा है। स्मार्टफोन कल्चर के दौर में इसे सबसे ज्यादा बढ़ावा मिला है। क्योंकि सेल्फी लेना फ्रंट कैमरे से मुमकिन होता है। गूगल के एक सर्वे से जानकारी मिली है कि स्मार्टफोन के इस दौर में यंग जनरेशन जो पूरे दिन में 10 से ज्यादा घंटे अपने फोन के साथ बिताते हैं वो दिन में एक-दो नहीं बल्कि 13 से 14 सेल्फी लेते हैं ।

सबसे जरुरी बन गया है मोबाईल –

सेल्फी का चस्का कितना घातक साबित हो रहा है, यह हम देख भी रहे हैं और आये दिन सुन भी रहे हैं। लेकिन लोगों की स्मार्टफोन से इस कदर नजदीकियां काफी चिंता करने वाली हैं। एक सर्वे केअनुसार पुरुष 20 सेकेंड से ज्यादा समय के लिये भी मोबाईल से दूर नहीं रह सकते। परन्तु महिलाओं की स्थिति इस मामले में पुरुषों से थोड़ी ठीक है। महिलाएं 1 मिनट से ज्यादा दूरी बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं। उन्हें अपने मोबाईल के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सबसे ज्यादा जरुरी चीज आज के समय में मोबाईल ही है।

दोस्तों साइन्स ने काफी तरक्की कर ली है technology काफी बढ़ रही है पर हर चीज की एक limit दी जाती है । अति हर चीज की बुरी है, इसीलिये सेल्फी लेते समय अपने आसपास भी ध्यान दें। अपनों को भी समय दें। सेल्फी की आदत को अपने ऊपर हावी ना होने दें । इससे भी ज्यादा जरूरी काफी चीजेंं हैं उन पर अपना समय लगायें ।


Answered by bhatiamona
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सेल्फी सही या गलत हिंदी निबंध

मेरे विचार से सेल्फी लेना सही है| यदि हम सेल्फी लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखें तो यह गलत नहीं है| सेल्फी का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह सही है| सेल्फी का प्रयोग हम अच्छी यादों को कैद करने के लिए करते है| हमें सेल्फी लेते समय हम कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए|

जब हम इसका गलत उपयोग करते है जैसे मोबाइल में सड़क पर बात करते हुए सेल्फी लेना और ऊंचाई में खड़े होकर सेल्फी लेना , पानी के पास जा के सेल्फी लेना बहुत गलत है| अपनी जान की प्रवाह न करना | सेल्फी का प्रयोग हमे अच्छी यादों को कैद करने के लिए और मस्ती करने के लिए करना चाहिए| हमें इसका गलत तरीके प्रयोग नहीं करना चाहिए|यदि हम किसी भी चीज़ का प्रयोग अच्छे से करें तो कोई भी चीज गलत नहीं होती है| हमें चीजों का उपयोग सही तरीके से करना चाहिए|

      हमें सेल्फी लेते समय आस-पास की जगह को देख के लिए लेनी चाहिए| सेल्फी लेते  कितने हादसे हो जाते है और हम लोग मस्ती में इतने खो जाते है कि नुकसान की और ध्यान ही नहीं दे पाते |  इसलिए हमें ध्यान रखना चाहिए मस्ती करते समय कोई हानिकारक ना साबित हो |

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