शुभ दीपावली पर निबंध लिखिए|
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समय-समय पर आने वाले त्यौहार हमारे भारतीय संस्कृति की झलक को हमारे समक्ष रखते हैं । हमारे जीवन में हर्ष तथा उल्लास का संचार करके हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं । वस्तुतः भारतीय संस्कृति की झलक यहाँ मनाए जाने वाले त्योहारों के विशेष स्वरूप से ही प्राप्त होती है | दीपावली भी हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है | जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है दीपावली का अर्थ होता है “दीपों की अवली” अर्थात पंक्ति | यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें बहुत सारे दिए जलाए जाते हैं | दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और पौराणिक संदर्भ देखें तो इस त्यौहार से अनेक पौराणिक कथाओ की घटनाएं जुड़ी हुई है ऐसी मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से धन की देवी लक्ष्मी जी का प्राकट्य हुआ था साथ ही साथ रावण का संहार करके श्रीराम इसी दिन श्री लंका से अयोध्या को लौटे थे | अयोध्या वासियों ने इसी खुशी में अपनी समस्त अट्टालिकाओं को दियों से सजा दिया ताकि अमावस्या के दिन भी कहीं अंधेरा ना हो तथा सर्वत्र उजाला ही उजाला छा जाए | इस पर्व की शुरुवात धनतेरस से ही हो जाती है | धनतेरस के दिन भगवान धनवन्तरी का पूजन किया जाता है | इस दिन दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बहीखातों और कलम दवात का पूजन किया जाता हैं | दूसरे दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है इसे रूप चतुर्दशी भी कहते है | इस दिन रूप सँवारने का महत्व है | अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है | दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है तथा अगले दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है | दीपावली के लिए लोग अपने घरों को दुकानों को साफ -सफाई, लिपाई पुताई द्वारा सुंदर बना लेते हैं | दीपावली के दिन घर - घर में लक्ष्मी पूजन होता है तथा लोग घरों पर दीप मालिकाओं द्वारा प्रकाश करते हैं तथा तरह-तरह की विद्युत सजावट के द्वारा घरों में भरपूर प्रकाश किया जाता है | अपने मित्रों तथा संबंधियों के यहां उपहार देने का सिलसिला भी इसी दिन से आरंभ हो जाता है | लोग एक दूसरे से मिलते हैं तथा दीपावली के द्वारा एक दूसरे का अभिनंदन विभिन्न अवस्थाओं के आधार पर शुभ - दीपावली कह -कर करते हैं | परस्पर मिलना-जुलना तथा मिठाइयों के आदान-प्रदान के द्वारा उल्लास में सतत वृद्धि होने लगती है | बच्चे आतिशबाजी चला कर बहुत खुश होते हैं | व्यापारी वर्ग भी इसी दिन अपने नए बही खातों का शुभारंभ करते हैं | इस दिन की रात बड़ी जगमगाहट वाली होती है | चहुँ ओर भाईचारे और सौहाद्रपूर्ण वातावरण का निर्माण होता है | इस भांति कार्तिक पूनम तक प्रत्येक व्यक्ति परस्पर मिलते रहते है एवं शुभ दीपावली की शुभेच्छा तथा उपहारों के आदान -प्रदान द्वारा एक - दूसरे को शुभकामनाएँ देते है | इस प्रकार यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है |
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कहते हैं भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्यावासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध भी इसी दिन किया था। यह दिन भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी है। इन सभी कारणों से हम दीपावली का त्योहार मनाते हैं।