शिकागो से स्वामी विवेकानंद का पत्र का सारांश लिखिए
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शिकागो से स्वामी विवेकानंद का पत्र सारांश –
मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है, हम सिर्फ सार्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि,हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं।
स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के सताए गए लोगों को अपने यहां शरण दी।
इस भाषण का जिक्र होते ही वो किस्सा जरूर याद किया जाता है,जब स्वामी विवेकानंद ने वहां मौजूद श्रोताओं को 'अमेरिका के भाइयों और बहनों ' कहकर संबोधित किया था और जिस पर कोई मिनट तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही थी।
11 सितंबर 1893 में अमेरिका में धर्म संसद का आयोजन हुआ था। भारत की ओर से स्वामी विवेकानंद शिकागो में हो रहे धर्म सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में 'अमेरिका के भाइयों और बहनों के साथ की।
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Answer:
शिकागो से स्वामी विवेकानंद का पत्र