शुक्राणुजनन एवं वीर्यसेचन (स्पर्मिएशन) की परिभाषा लिखें।
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महिला और पुरुष शरीर में लगाताररोगाणु कोशिकाओं के परिपक्वता की प्रक्रिया और अगर महिलाओं के साथ इस संबंध में सब कुछ काफी समझ में आता है, तो पुरुष एक रहस्य रहते हैं। यह संभावना नहीं है कि किसी भी दवा से दूर गंभीरता से क्या शुक्राणुजनन है के बारे में सोचा। लेकिन एक सामान्य विचार सामान्य ज्ञान को व्यापक बनाने और स्वयं के शरीर विज्ञान की बेहतर समझ के लिए अच्छा होगा।
मादा जन्तु या पादप के जननांग में शुक्राणु (स्पर्म) पहुँचाना वीर्यसेचन कहा जाता है। इसका उद्देश्य लैंगिक प्रजनन द्वारा गर्भधारण कराना होता है।
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शुक्राणुजनन एवं वीर्यसेचन (स्परमियेशन) की परिभाषा :
शुक्राणुजनन :
वृषण में शुक्राणु का निर्माण शुक्रजनन द्वारा होता है। यह प्रक्रिया वृषण की शुक्रजन नलिकाओं में होती है। शुक्राणुओं का निर्माण किशोरावस्था के समय आरंभ हो जाता है। यह प्रक्रिया लैंगिक हार्मोन द्वारा प्रभावित होती है।
शुक्राणुजनन की प्रक्रिया को तीन चरणों में बांटा जा सकता है -
(क) गुणन प्रावस्था :
(ख) वृद्धि प्रावस्था :
(ग) परिपक्वन प्रावस्था :
वीर्यसेचन (स्परमियेशन) :
शुक्रजनक नलिकाओं से शुक्राणुओं का मोचन वीर्य सेचन कहलाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।