Psychology, asked by KRPS500, 11 months ago

शिक्षा की अवधारणा क्या है? स्पष्ट कीजिए ।
( विषय - वर्तमान भारतीय समाज एवम् प्रारंभिक शिक्षा - DELED SECOND SEMESTER )

Answers

Answered by saptakanya
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Explanation:

शिक्षा के साधन के रूप में समुदाय के गुण

समुदाय द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा के अग्रलिखित गुण हैं –

(1) समुदाय द्वारा दी गई शिक्षा अर्थयुक्त होती है

(2) समुदाय शिक्षा में उपयोगिता के सिद्धांत पर बल देता है।इस सिद्धांत के अनुसार प्राप्त की हुई शिक्षा उन्ही लक्ष्यों पर बल देती है, जो व्यक्ति तथा समुदाय दोनों के लिए लाभप्रद होते हैं |

(3) समुदाय द्वारा प्रदान की हुई शिक्षा बालक को वास्तविक जीवन के अनुभवों से अवगत कराती है।बालक वस्तुओं का प्रत्येक्ष रूप से निरिक्षण करते हैं।इससे उन्हें उन वस्तुओं के विषय में सच्चा ज्ञान प्राप्त हो जाता है |

(4) समुदाय क्रिया के सिधान्त पर विशेष बल देता है।क्रिया के द्वारा बालक को मौखिक बातचीत की अपेक्षा आवशयक बातों का ज्ञान सफलतापूर्वक हो जाता है |

(5) समुदाय बालक को अपनी संस्कृति का ज्ञान देता है |

(6) समुदाय बालक को अधिकारों तथा कर्तव्यों का ज्ञान देकर उन गुणों को विकसित करता है, जो एक नागरिक के लिए आवशयक है |

(7) समुदाय बालक को रचनात्मक चिन्तन के अवसर प्रदान करता है जिससे वह उतरदायित्वपूर्ण एवं आत्म-निर्भर बन जाता है |

शिक्षा के साधन के रूप में समुदाय के दोष

शिक्षा के साधन के रूप में समुदाय के निम्नलिखित दोष है –

(1) समुदाय अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए शिक्षा को अपने हाथ का खिलौना बना लेता है |

(2) समुदाय अपनी श्रेष्टता को बनाये रखने के लिए अपने सदस्यों का अपने प्रति अन्ध-विश्वास विकसित करता है।इससे किसी अमुक समुदाय के सदस्यों का अन्य समुदायों के सदस्यों के प्रति आक्रामक दृष्टिकोण विकसित हो जाता है, जो उचित नहीं है |

(3) समुदाय साम्प्रदायिक भावनाओं को प्रोत्सहित करता है।प्राय: साम्प्रदायिक स्कूल-बालकों में संकुचित दृष्टिकोण तथा संकीर्ण साम्प्रदायिक भावना विकसित करते हैं।हमसे एक-दुसरे के प्रति घ्रणा का बीजारोपण हो जाता है।परिणामस्वरूप समुदायों में आपसी द्वन्द, तनाव तथा झगड़ों की सम्भावना बढ़ जाती है |

(4) समुदाय दमन की नीति को अपनाता है।इस नीति को अपनाते हुए वह अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए बालक की स्वतंत्रता का गला घोंटना में तनिक भी नहीं हिचकिचाता |

(5) चूँकि समुदाय के द्वारा संकुचित दृष्टिकोण एवं साम्प्रदायिक भावना विकसित होती है, इसलिए समुदाय जनतांत्रिक भावना के विकास में बाधा उत्पन्न करता है |

समुदाय को शिक्षा का प्रभावपूर्ण साधन बनाने के लिए सुझाव

समुदाय को शिक्षा का प्रभावपूर्ण साधन बनाने के लिए हम निम्नलिखित सुझाव पर प्रकाश डाल रहे हैं –

(1) आदर्श उदाहरण- समुदाय को बालक के समक्ष समाज सेवा तथा न्याय आदि के आदर्श एवं सहयोगपूर्ण उदाहरण करने चाहियें जिससे वह सामाजिक संसार से व्यवस्थापना कर सकें तथा उसकी प्रगति में यथाशक्ति योगदान दें सकें |

(2) व्यापक दृष्टिकोण – समुदाय का दृष्टिकोण केवल संकुचित साम्प्रदायिकता तथा जातीयता तक ही सीमित न होकर व्यापक होना चाहिये।दुसरे शब्दों में समुदाय को चाहिये कि वह अपने प्रभावों को केवल विशेष समुदाय अथवा जाति तक ही सीमित न रखे अपितु विशाल समुदाय अर्थात विश्व तक पहुंचायें।इस दृष्टि से विभिन्न समुदायों में व्यक्तिगत स्वार्थ एवं शत्रुता की भावना नहीं होनी चाहिये।भारत में लोग संकुचित, साम्प्रदायिकता तथा जातीयता के विचारों, पक्षपातों, तथा सामाजिक बन्धनों से इतने जकडे हुए हैं कि उनको आत्म-प्रकाशन एवं आत्म-अनुभूति के अवसर ही नहीं मिल पते।यदि समुदाय का लक्ष्य मानव की सच्ची सेवा करना है, तो उसे इन पक्षपातों तथा बन्धनों को तोड़े देना चाहिये |

(3) व्यक्तित्व का अधिकतम विकास- प्रत्येक बालक की रुचियाँ, क्षमतायें तथा विचार अगल-अलग होते हैं।उसके इस विशेष व्यक्तित्व का अधिकतम विकास होना चाहिये।परन्तु देखा यह जाता है कि समुदाय बालक के व्यक्तित्व का दमन करके उसे केवल साम्प्रदायिकता के आधार पर समान स्तर तक की विकसित होने के लिए बंध्या करता है।यही कारण है कि भारत में अब भी प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में बालक को उसी व्यवसाय को अपनाने के लिए बाध्य किया जाता है, जो उसकी जाती में पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है।विवाह-आदि सम्बन्ध में तो साम्प्रदायिकता तथा जातीयता के बन्धन और भी जटिल हैं।यह उचित नहीं है।समुदाय को चाहिये कि वह बालक के विशेष व्यक्तित्व का आदर करे तथा उसे विकसित करने के लिए हर सम्भव प्रयास करे |

Answered by dc3040445
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Answer:

शिक्षा शिक्षा के बिना हमारा जीवन कुछ नहीं है शिक्षक से ही आज इतने बड़े-बड़े लोग इस दुनिया में है शिक्षा से ही आज हम इतने आसानी से रह पा रहे हैं शिक्षा की वजह से ही आज

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