Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

शिक्षा के संचार का क्या योगदान हे

Answers

Answered by mantasakasmani
7
"जिस प्रकार संगमरमर के लिए शिल्‍प कला है उसी प्रकार मानवीय आत्‍मा के लिए शिक्षा है"

-----जोसेफ ए‍डीसन

पिछले कुछ दशकों से प्रौद्योगिकी ने हर संभव मार्ग से हमारे जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। भारत एक सफल सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से सज्जित राष्‍ट्र होने के नाते सदैव सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग पर अत्‍यधिक बल देता रहा है, न केवल अच्‍छे शासन के लिए बल्कि अर्थव्‍यवस्‍था के विविध क्षेत्रों जैसे स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि और शिक्षा आदि के लिए भी।
शिक्षा नि:संदेह एक देश की मानव पूंजी के निर्माण में किए जाने वाले सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण निवेशों में से एक और एक ऐसा माध्‍यम है जो न केवल अच्‍छे साक्षर नागरिकों को गढ़ता है बल्कि एक राष्‍ट्र को तकनीकी रूप से नवाचारी भी बनाता है और इस प्रकार आर्थिक वृद्धि की दिशा में मार्ग प्रशस्‍त होता है। भारत में ऐसे अनेक कार्यक्रम और योजनाएं, जैसे मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा, "सर्व शिक्षा अभियान", राष्‍ट्रीय साक्षरता अभियान आदि शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा आरंभ किए गए हैं।
हाल के वर्षों में इस बात में काफी रुचि रही है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को शिक्षा के क्षेत्र में कैसे उपयोग किया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण योगदानों में से एक है अधिगम्‍यता पर आसान पहुंच संसाधन। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सहायता से छात्र अब ई-पुस्‍तकें, परीक्षा के नमूने वाले प्रश्‍न पत्र, पिछले वर्षों के प्रश्‍न पत्र आदि देखने के साथ संसाधन व्‍यक्तियों, मेंटोर, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, व्‍यावसायिकों और साथियों से दुनिया के किसी भी कोने पर आसानी से संपर्क कर सकते हैं।
किसी भी समय-कहीं भी, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सर्वाधिक अनोखी विशेषता यह है कि इसे समय और स्‍थान में समायोजित किया जा सकता है। इसे ध्‍यान में रखते हुए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने असमामेलित अधिगम्‍यता (डिजिटल अभिगम्‍यता) को संभव बनाया है। अब छात्र किसी भी समय अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन अध्‍ययन पाठ्यक्रम सामग्री को पढ़ सकते हैं।
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा आपूर्ति (रेडियो और टेलिविजन पर शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण) से सभी सीखने वाले और अनुदेशक को एक भौतिक स्‍थान पर होने की आवश्‍यकता समाप्‍त हो जाती है।
जब से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को एक शिक्षण माध्‍यम के रूप में उपयोग किया गया है, इसने एक त्रुटिहीन प्रेरक साधन के रूप में कार्य किया है, इसमें वीडियो, टेलिविजन, मल्‍टीमीडिया कम्‍प्‍यूटर सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है जिसमें , ध्‍वनि और रंग निहित है। इससे छात्र सीखने की प्रक्रिया में गहराई से जुडते हैं।


this is your answer..
Answered by PravinRatta
3

शिक्षा के संसार में संचार का अहम और महत्वपूर्ण योगदान है। संचार के अलग अलग माध्यम आने से शिक्षा ने गती पकड़ी है।

आज संचार के वजह से संचार प्रौद्योगिकी कि अलग पढ़ाई होने लगे हैं। इसमें बहुत बेहतर स्तर तक छात्र पहुंच सकते हैं।

संचार के माध्यम से शोध के कार्य आसान हुए हैं। पहले शोध में काफी समय लगता था क्योंकि एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए प्रयुक्त साधन उपलब्ध नहीं था।

अब कई तरह के माध्यम हैं। उदाहरण के लिए इंटरनेट के माध्यम से संचार आसान हुआ है और यह शिक्षा जगत में क्रांति लेकर आया है।

इससे पढ़ाई लिखाई के कई कार्य आसान हुए हैं। संचार की मदद से एक विषय पर कई लोग एक साथ जुड़ कर कार्य कर रहे हैं तथा नई बुलंदी हासिल कर रहे हैं।

Similar questions