Political Science, asked by sihhsjjs8456, 1 year ago

शॉक थेरेपी क्या थी? क्या साम्यवाद से पूंजीवाद की तरफ संक्रमण का यह सबसे बेहतर तरीका था ?

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Answered by TbiaSupreme
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"सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस, पूर्वी यूरोप तथा मध्य एशिया के देशों को साम्य वाद (कम्यूनिज्म) से पूँजीवादी की ओर  लाने के लिये एक विशेष प्रकार के माॉडल को अपनाया गया l जिसे ‘शॉक थेरेपी’ (आघात पहुंचाकर उपचार करना) कहा जाता है l

शॉक थेरेपी में राज्यों की सम्पदा के निजीकरण और व्यावसायिक मालिकाना के ढांचे को अपनाया गया ।  इसके अन्तर्गत पूँजीवादी पद्धति से खेती करना आरंभ किया गया तथा पूर्ण रूप से मुक्त व्यापार पर जोर दिया गया l  

1990 में अपनाई गई ‘शॉक थेरेपी’ से जनता को वो लाभ नहीं प्राप्त हुआ, जिसका उससे वादा किया गया था । इस थेरेपी के कारण उस क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई जहां-जहां ये लागू की गयी । लगभग 90% से ज्यादा उद्योगों को निजी कंपनियों को दिया गया जिसके कारण मुद्रा में भारी गिरावट आई और लोगों की जमा पूंजी खत्म होने लगी ।  समाज कल्याण की पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया । ज्यादातर मध्यमवर्ग पूरी तरह से हाशिये पर आ गया और सारी आर्थिक गतिविधियां एक खास वर्ग के हाथों में चली गई ।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ‘शॉक थेरेपी’ साम्यवाद (कम्यूनिज्म) से पूंजीवाद की तरफ संक्रमण का एक बेहतर तरीका नहीं था क्योंकि सुधार के तरीके को धीरे धीरे लागू किया जाना चाहिए था अचानक जनता पर थोपने से इसके दुष्परिणाम  सामने आए "

Answered by Ravishah09
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Answer: shock थेरेपी का शाब्दिक अर्थ है आघात पहुचा कर उपचार करना | साम्यवाद के पतन के बाद सोवियत संघ के गणराज्य को विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निर्देशित साम्यवाद से पूंजीवाद की और संक्रमण के मॉडल को अपनाने को कहा गया | इसे हि शॉक थेरेपी कहते है

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