५श
(ख) 'बालगोबिन भगत विवेकशील व्यक्ति थे।' पाठ से उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
(ग) 'तसलीम में
सिर खम कर लेना' का क्या अर्थ है ? लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ? 'लखनवी अंदाज़' पाठ के आधार
पर बताइए।
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ख-बालगोबिन भगत कबीर के पक्के भक्त थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और हमेशा खरा व्यवहार करते थे। वे किसी की चीज का उपयोग बिना अनुमति माँगे नहीं करते थे। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण वे साधु कहलाते थे।
ग-इसका कारण यह था कि लेखक पहले ही मना कर चुका था इसलिये आत्म-सम्मान निबाहना उचित था। नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए। हमें तसलीम में सिर खम कर लेना पड़ा-यह है खानदानी तहज़ीब, नफ़ासत और नज़ाकत!
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