शंख इंग्लैंड में बज रहा था , गूँज हिन्दुस्तान में आ रही थी । " - यह पंक्ति किस पाठ से ली गयी है ?
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-शंख इंग्लैंड में बज रहा था , गूँज हिन्दुस्तान में आ रही थी । " - यह पंक्ति जार्ज पंचम की नाक पाठ से ली गयी है ।
- शंख इंग्लैंड में बज रहा था, गूंज हिंदुस्तान में हो रही थी, इस पंक्ति का अर्थ है कि रानी एलिज़ाबेथ इंग्लैंड से भारत का दौरा करने आ रही थी तो इंग्लैंड वालों को खुश होना चाहिए परन्तु इस बात का उत्सव भारत में मनाया जा रहा था। लेखक ने इसी अवसर के लिए यह कथन प्रयुक्त किया है।
- लेखक ने यहां इस कथन के माध्यम से भारतीयों की अंग्रेजियत की गुलामी को दर्शाया है। लेखक कहना चाहते है की अंग्रेजों की किसी भी बात का ढिंढोरा पीटने में हम भारतीय अंग्रेजो से भी आगे रहना चाहते है।
- भारतीयों का जन्म भारत में हुआ है इसलिए उन्हें भारतीय कहा जाता है न कि अंग्रेजों की जी हुजूरी करके।
#SPJ2
Answer:
यह पंक्ति ‘जार्ज पंचम की नाक’ पाठ से ली गयी है ।
इस पंक्ति का अर्थ है कि रानी एलिज़ाबेथ इंग्लैंड से भारत का दौरा करने आ रही थी तो इंग्लैंड वालों को खुश होना चाहिए परन्तु इस बात का उत्सव भारत में मनाया जा रहा था
पुस्तक से कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं।
इंग्लैंड के अखबारों की कतरनें हिन्दुस्तान अखबारों में दूसरे दिन चिपकी नज़र आती थी.... कि रानी ने एक ऐसा हल्के नीले रंग का सूट बनवाया है, जिसका रेशमी कपड़ा हिन्दुस्तान से मंगवाया गया है... कि करीब 400 पौंड खर्चा उस सूट पर आया है।
रानी ऐलिज़ाबेथ की जन्मपत्री भी छपी। प्रिन्स फिलिप के कारनामे छपे, और तो और उनके नौकरो, बावर्चियों खानसामों, अंगरक्षकों की पूरी-की-पूरी जीवनियां देखने में आई ! शाही महल में रहने और पलनेवाले कुत्तों तक की जीवनियाँ देखने में आईं ! शाही महल में रहने और पलने वाले कुत्तों तक की तस्वीरें अखबारों में छप गईं ....
बड़ी धूम थी। बड़ा शोर-शराबा था। शंख इंग्लैंड में बज रहा था, गूँज हिन्दुस्तान में आ रही थी।